इंदौर मेडिकल कॉलेज: रैगिंग की समस्या से छात्र परेशान
इंदौर(मनीष नायक)।इंदौर के महात्मा गांधी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज में विवादों का अंत होता नजर नहीं आता।डीन विवाद के बाद कॉलेज में जूनियर छात्र रैगिंग का शिकार हो रहे है।खबरों के मुताबिक सीनियर छात्र ही नहीं वहा के प्रोफेसरों पर भी उंगलियां उठाई गई है।इस मामले में सोशल मीडिया पर शिकायत के बाद कलेक्टर ने जांच समिति बनाई है।
इंदौर के महात्मा गांधी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज में पिछले कुछ दिनों से रैगिंग के मामले सामने आए है।हालाकि कैरियर की चिंता ने छात्रों के मुंह पर ताले लगा दिए है।लेकिन पहचान उजागर नहीं होने की शर्त पर छात्र मानते है कि सीनियर ही नहीं यहां के कुछ प्रोफेसr भी रैगिंग करते हैं।इस दौरान हॉस्टल में अन्दर कर देते है।एक छात्र का आरोप है कि दीपावली की छुट्टियों के दौरान सीनियर्स ने नशा किया ओर नशा उतरने तक यातनाएं दी।इसके बाद हर दूसरी रात को हमें 20 से 25 मिनट तक मुर्गा इसके बाद हर रात 200 से 300 उठक-बैठक लगवाई जाती थीं।पीड़ित छात्रों की माने तो सीनियर मुर्गा बना कर सजा देते है।मुर्गा बनने पर हमें गर्दन 90 डिग्री पर रखा कर शर्ट के थर्ड बटन पर देखना रहता है।सीनियर से पूछो तो इसके पीछे सीनियर्स बोलते है कि तुम सर्जरी करोगे तो यह काम आएगा।सीनियर की नहीं सुनो या गलती हो जाए तो सोचे कान पर चाटा रसीद कर देते है।सीनियर्स वाटर कूलर से पानी भरवाते है, गालियां देते, डांस कराते है।इसके रूल बना रखे है।इसकी शिकायत करना मुश्किल है। यहां राजेंद्र मार्को एंटी रैगिंग कमेटी के मेंबर, असिस्टेंट प्रोफेसर ,हॉस्टल के वॉर्डन रैगिंग लेकर कहते है कि तुमको मजबूत बनाएगा। सीनियर पोल डांस ,शराब का पैग बनाने, सिगरेट लाने और जलाने जैसे काम करते है।साल 2023 बैच की गर्ल्स हॉस्टल की कुछ लड़कियों ने रैगिंग को लेकर शिकायत की थी तो उनको बैच आउट कर दिया गया था।हालत यह है कि हॉस्टल में 104 स्टूडेंट में से अब 59 रह गए हैं।2024 बैच के जूनियर छात्रों ने इस संबंध में सोशल मीडिया के माध्यम से शिकायत की है।इस मामला में कलेक्टर आशीष सिंह ने जांच समिति गठित की है। कॉलेज के प्रभारी डीन डॉ. नीलेश दलाल ने स्टूडेंट से चर्चा की। उनके साथ हॉस्टल वार्डन राजेंद्र मार्को और एंटी रैगिंग कमेटी के प्रमुख डॉ. वीएस पाल भी मौजूद थे।