नहीं रहे तबले के उस्ताद...
दिल्ली। मशहूर तबला वादक पद्म विभूषण उस्ताद जाकिर हुसैन का सैन फ्रांसिस्को में 73 साल की उम्र में निधन हो गया।हुसैन इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस से पीड़ित थे। सोमवार सुबह उनके परिवार ने इसकी पुष्टि की।जाकिर ने 11 साल की उम्र में मंच पर प्रस्तुति दी थी जिसमें उन्हें 100 रुपए मिले थे।जाकिर हुसैन को 1988 में सबसे कम उम्र 37 साल में पद्मश्री से नवाजा गया।
उस्ताद जाकिर हुसैन का जन्म 9 मार्च 1951 को महाराष्ट्र में उस्ताद अल्लारक्खा और बावी बेगम के घर हुआ था। जाकिर को पिता अल्लारक्खा ने मात्र 3 साल की उम्र में जाकिर को तबला थमा दिया था। जाकिर हुसैन की स्कूलिंग माहिम के सेंट माइकल स्कूल से और ग्रेजुएशन सेंट जेवियर्स कॉलेज से हुआ। उस्ताद को 2002 में पद्म भूषण, 2006 में कालिदास सम्मान, 2009 में उनके 'ग्लोबल ड्रम प्रोजेक्ट' एल्बम को ग्रैमी अवॉर्ड मिला। 2023 में पद्म विभूषण और 4 फरवरी 2024 को 66वें एनुअल ग्रैमी अवॉर्ड्स में एक साथ 3 ग्रैमी अवॉर्ड्स जीता था।पिता उस्ताद अल्लारक्खा के अलावा जाकिर ने उस्ताद लतीफ अहमद खान और उस्ताद विलायत हुसैन खान से भी तबले की शिक्षा ली। उस्ताद जाकिर हुसैन ने फिल्म 'सत्यम शिवम सुंदरम', 'हीर-रांझा' 'बावर्ची',और 'साज' जैसी फिल्मों के संगीत में बड़ी भूमिका के साथ ही फिल्म लिटिल बुद्धा और साज में एक्टिंग भी की थी।