मात्र 3 महीने के शिशु पर आखों की सर्जरी,मेडिकल विज्ञान का चमत्कार

ग्वालियर(मनीष नायक)।मध्य प्रदेश के किसी भी मेडिकल कॉलेज के इतिहास में पहली बार मात्र 3 महीने के शिशु पर आखों की सर्जरी की गई।इस मामले में जीआर मेडिकल कॉलेज एक मील का पत्थर साबित हुआ।
    जीआर मेडिकल कॉलेज के नेत्र विज्ञान विभाग में सामान्य एनेस्थीसिया के तहत एक 3 महीने के शिशु को जन्मजात मोतियाबिंद था, जिसकी दोनों आँखों में मोतियाबिंद का ऑपरेशन एक साथ किया गया।बच्चे को द्विपक्षीय लेंस एस्पिरेशन + पोस्टीरियर कैप्सूलोरहेक्सिस + एंटीरियर विट्रेक्टोमी से गुजरना पड़ा। मानक दिशा-निर्देशों के अनुसार बच्चे की दोनों आँखों में दृष्टिदोष को छोड़ दिया गया और उसे एम्ब्लियोपिया को रोकने के लिए अपवर्तक प्रबंधन दिया जाएगा। इस सर्जरी को प्रोफेसर डॉ. डी. के. शाक्य द्वारा किया गया और इसमें डॉ. रश्मि कुजूर (परामर्शदाता), डॉ. दीप्ति शर्मा (जेआर 3), डॉ. ऋषभ आडवाणी (जेआर 1), डॉ. सुमन प्रभा (एसआर एनेस्थीसिया) और डॉ. रश्मि यादव (जेआर एनेस्थीसिया) की मदद से किया। इससे जिले भर के कई गरीब शिशुओं और बच्चों में दृष्टि बहाली की उम्मीद की नई किरण जगी है, जो अन्यथा सर्जरी का खर्च नहीं उठा सकते।

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