द डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल ,ये फिल्म कभी भी बंगाल सरकार के कोप का शिकार हो सकती है.. मुझे जेल में डाला जा सकता है, हत्या की जा सकती है...सनोज मिश्र,फिल्म डायरेक्टर
मुंबई। लिंक से हटकर फिल्म बनाने वाले सनोज मिश्र की फिल्म "द डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल" 30 अगस्त को रिलीज हो रही है।फिल्म के विषय से लेकर निर्माण तक का सफर आसान नही था।फिल्म डायरेक्टर सनोज मिश्र ने फिल्म को लेकर अपने अनुभवों को सांझा किए और कहा कि ये फिल्म कभी भी बंगाल सरकार के कोप का शिकार हो सकती है। मुझे जेल में डाला जा सकता है, हत्या की जा सकती है।
फिल्म डायरेक्टर सनोज मिश्र ने बताया कि यह यात्रा इतनी आसन नहीं थी , खासतौर पर तब जब देश तुष्टिकरण और वोट बैंक की राजनीति से चल रहा हो, ऐसे में सच बोलना दुश्मनी मोल लेना था... खतरा था। लोगों के नाराज होने का ,सरकार के नाराज होने का , फिल्म इंडस्ट्री से अलग थलग किए जाने का खतरा, लेकिन ये खतरा भी हमने मोल लिया।
श्री मिश्र ने बताया बंगाल सरकार ने निशाना बनाया एफ आई आर दर्ज कराई, न्यायालय का एक अलग ही दर्द रहा।बंगाल में डर का ये आलम की कोई अधिवक्ता केस लड़ने को तैयार नहीं था।न्याय दिलाने के नाम पर लूटमार का शिकार हुआ। बंगाल की तानाशाह सरकार से डरकर इन्वेस्टर भाग गए।जिससे एक नई चुनौती फिल्म को पूरा करने की थी।हालाकि संजय कुमार जी अर्जुन जी और बुलंदशहर के छत्रपाल सिंह सूर्यवंशी जी ने साथ दिया।निर्माता जितेन्द्र नारायण सिंह त्यागी जी ने कभी हौसला टूटने नहीं दियाऔर फिल्म को पूरा कराने में सारी ताकत झोंक दी।श्री मिश्र ने बताया कि इस विषम परिस्थितियों में बनी फिल्म की मुसीबते कम नहीं हुई थी। कई महीने सेंसर के धक्के खाने के बाद कई सालों की अथक मेहनत से अब ये फिल्म प्रदर्शन के लिए तैयार है। इसको फिल्म कहना उचित नहीं होगा ये जन आंदोलन है। जिसको जनता तक पहुंचाने की जितनी जिम्मेदारी मेरी हैं...उतनी ही आपकी हैं , क्योंकि न हमारे पास भारीभरकम बजट है और न ही कोई राजनैतिक समर्थन इसके अलावा और भी चुनौतियां है ये फिल्म कभी भी बंगाल सरकार के कोप का शिकार हो सकती है। मुझे जेल में डाला जा सकता है, हत्या की जा सकती है।फिलहाल जो भी हो उसकी चिंता जरा भी नहीं है मैने अपना काम कर दिया है ।अब फिल्म की रिलीज़ कोई नही रोक सकता, लेकिन मुझे सबसे अधिक चिंता इस बात की है कि कश्मीर फाइल्स और केरला स्टोरी के बाद एक खास तरह की फिल्मों को झड़ी लग गई है। जिसमें किसी भी फिल्म को सफलता नहीं मिली है, कहीं हम भी उसी भीड़ का हिस्सा न बन जाए।श्री मिश्र ने दर्शकों से अपील की है कि हमारी फिल्म का आज की प्रोपोगंडा फिल्म से कोई तुलना नहीं है।फिल्म को खास बनाने में अब आपका सहयोग सबसे अधिक काम करेगा।