जिले में दिव्यांगों के परिचय सम्मेलन व सामूहिक विवाह सम्मेलन आयोजित होंगे ,जीवन साथी चुनने में मदद के लिये तैयार होगा दिव्यांगों का डाटाबेस ,कलेक्टर ने दिए दिशा-निर्देश

ग्वालियर। जिले में दिव्यांगजनों का विवाह कराने के लिए परिचय सम्मेलन आयोजित किए जायेंगे। साथ ही दिव्यांगजनों का डाटाबेस तैयार कर एक पुस्तिका प्रकाशित की जायेगी। यह पुस्तिका दिव्यांगजनों तक पहुँचाई जायेगी। इस पुस्तक में दिव्यांगजनों की आयु, शिक्षा, व्यवसाय, निवास व कॉन्टेक्ट नम्बर सहित सम्पूर्ण ब्यौरा उपलब्ध रहेगा, जिससे इस पुस्तक में उपलब्ध जानकारी के आधार पर दिव्यांगजन अपना जीवन साथी चुन सकें। कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान ने जिले के सभी जनपद पंचायतों एवं नगरीय निकायों में 20 जुलाई तक दिव्यांगजनों का बेसिक डाटा तैयार करने के निर्देश दिए हैं। 
बुधवार को यहाँ कलेक्ट्रेट के सभागार में आयोजित हुई बैठक में कलेक्टर श्रीमती चौहान ने निर्देश दिए कि कि सभी जनपद पंचायतों व नगरीय निकायों में परिचय सम्मेलन के लिये दिव्यांगजनों के फॉर्म भराकर जानकारी संकलित करें। साथ ही दिव्यांगजन स्वयं अपनी जानकारी भर सकें, इसके लिये गूगल फॉर्म तैयार कराएँ। उन्होंने कहा दिव्यांगजनों का डाटा संकलित होने के बाद टेम्प्लेट के रूप में पुस्तक प्रकाशित करें और इसे दिव्यांगजनों तक पहुँचाएं, जिससे वे उसमें से अपनी पसंद का जीवन साथी चुनने के लिये जानकारी जुटा सकें। 
कलेक्टर श्रीमती चौहान ने कहा कि दिव्यांगों का डाटाबेस एकत्रित होने के बाद दिव्यांगों का परिचय सम्मेलन आयोजित किया जायेगा। जिसमें दिव्यांगजन अपने पसंद का जीवन साथी चुन सकेंगे। परिचय सम्मेलन में चिन्हित दिव्यांगजनों का विवाह कराने के लिये मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत जिला स्तर पर नगर निगम के सहयोग से सामूहिक विवाह सम्मेलन आयोजित कराया जायेगा। उन्होंने दिव्यांगजनों के परिचय सम्मेलन व सामूहिक विवाह सम्मेलन में जनप्रतिनिधियों का मार्गदर्शन व सहयोग लेने के निर्देश भी दिए। 
बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री विवेक कुमार, अपर कलेक्टर श्रीमती अंजू अरुण कुमार व श्री टी एन सिंह, विभिन्न विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी एवं जिले के सभी एसडीएम सहित अन्य संबंधित अधिकारी शामिल हुए। 

दिव्यांग से शादी करने वाले को मिलेगी दो लाख रूपए की प्रोत्साहन राशि 

बैठक में जानकारी दी गई कि युवक-युवती में एक व्यक्ति के नि:शक्त (दिव्यांग) होने पर सरकार द्वारा नि:शक्त विवाह प्रोत्साहन योजना के तहत 2 लाख रूपए की प्रोत्साहन राशि उस दम्पत्ति को दी जाती है। युवक-युवती दोनों के नि:शक्त होने की स्थिति में इस योजना के तहत एक लाख रूपए की प्रोत्साहन राशि देने का प्रावधान है।

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