भारत में धरोहर पर्यटन के प्रति दुनिया की रुचि बढ़ रही है : राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु
दिल्ली।राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने आज यहां संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित किया। राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में देश भर के पर्यटन क्षेत्रों, तीर्थ स्थलों और ऐतिहासिक स्थलों की उपलब्धियों और उनके विकास के लिए पिछले 10 वर्षों के दौरान सरकार द्वारा की गई विभिन्न पहलों पर प्रकाश डाला।
अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने कहा, ''पर्यटन युवाओं को रोजगार देने वाला एक बड़ा क्षेत्र है। पिछले 10 वर्षों में मेरी सरकार ने पर्यटन के क्षेत्र में अभूतपूर्व काम किया है। भारत में घरेलू पर्यटकों की संख्या के साथ-साथ भारत आने वाले विदेशी पर्यटकों की संख्या भी बढ़ी है।”
राष्ट्रपति ने कहा, ''पर्यटन क्षेत्र में वृद्धि का कारण भारत की क्षमता या उपलब्धियों से कमाई गई इज्जत है। आज दुनिया भारत को खोजना और उसके बारे में जानना चाहती है। इसके अलावा बेहतरीन कनेक्टिविटी से पर्यटन का दायरा भी बढ़ा है। विभिन्न स्थानों पर हवाई अड्डों का निर्माण भी उपयोगी साबित हुआ है। अब, पूर्वोत्तर में रिकॉर्ड पर्यटकों का आगमन हो रहा है। अब अंडमान-निकोबार और लक्षद्वीप द्वीप समूह को लेकर रोमांच बढ़ा है।”
“सरकार ने देश भर में तीर्थ स्थलों और ऐतिहासिक स्थलों के विकास पर जोर दिया है। इससे अब भारत में तीर्थयात्रा करना आसान हो गया है। वहीं, भारत में धरोहर टूरिज्म के प्रति दुनिया की दिलचस्पी बढ़ रही है। पिछले एक साल में 8.5 करोड़ लोग काशी आ चुके हैं। 5 करोड़ से ज्यादा लोग महाकाल के दर्शन कर चुके हैं। 19 लाख से अधिक लोग केदारधाम के दर्शन कर चुके हैं। प्राण प्रतिष्ठा के बाद 5 दिन में ही 13 लाख श्रद्धालु अयोध्या धाम के दर्शन कर चुके हैं। राष्ट्रपति ने कहा, भारत के पूर्व-पश्चिम-उत्तर-दक्षिण, हर हिस्से में तीर्थ स्थलों पर सुविधाओं का अभूतपूर्व विस्तार हुआ है।
राष्ट्रपति ने कहा, “सरकार भारत को बैठकों और प्रदर्शनियों से संबंधित क्षेत्रों के लिए एक प्रमुख गंतव्य बनाना चाहती है। इसके लिए भारत मंडपम, यशोभूमि जैसी सुविधाएं बनाई गई हैं। निकट भविष्य में पर्यटन रोजगार का एक बड़ा जरिया बनेगा।”