मध्यप्रदेश की तीन विशेष पिछड़ी जनजातियों को मिलेंगे पक्के घर, नल से जल, घर तक बिजली, स्वास्थ्य सुविधाएं और पोषण
पीएम जनमन में होगा क्या ?
पीएम जनमन के अंतर्गत भारत सरकार के 9 प्रमुख मंत्रालयों के 11 महत्वपूर्ण क्षेत्रों से जुड़ी नागरिक सेवाओं की इन विशेष पिछड़ी जनजातियों के घर तक पहुँच सुनिश्चित की जाएगी। पीएम जनमन में लक्षित वर्ग/जनजाति समूह के सभी लोगों को उनकी पसंदीदा डिजाईन के अनुसार शौचालय युक्त पक्का मकान बनाकर दिया जायेगा। हर घर में नल से स्वच्छ जलापूर्ति की जाएगी। इन जनजातियों के गांवों तक पहुँच सुनिश्चित करने के लिए गांव-गांव तक पक्की सड़कें बनाई जायेंगी। इनके घर तक बिजली आपूर्ति की स्थायी व्यवस्था की जाएगी। इन जनजतियों के सभी बच्चों को अच्छी शिक्षा देने के लिए और बेहतर प्रयास किये जायेंगे तथा आवश्यकतानुसार स्कूल सह छात्रावास भी निर्मित किये जायेंगे।
पीएम जनमन के तहत इन विशेष पिछड़ी जनजातियों के कौशल विकास के लिये इन्हें व्यावसायिक/ कौशल प्रशिक्षण देने के अलावा प्रौढ़ शिक्षा के क्षेत्र में भी कारगर प्रयास किये जायेंगे। बहुउद्देशीय केन्द्र और मोबाइल मेडिकल वेन में एएनएम के माध्यम से सबको स्वास्थ्य सुविधाओं की बेहतर पहुँच के दायरे में लाया जाएगा। सौ से अधिक आबादी वाले प्रत्येक टोलों-मजरों में आंगनवाड़ी केन्द्र द्वारा बेहतर सुविधाओं की उपलब्धता एवं बहुसेवा केन्द्र में भी आंगनवाड़ी की सुविधा देकर सबको पोषण के लक्ष्य की पूर्ति की जायेगी। वनधन विकास केन्द्रों के जरिये इन जनजातियों की आजीविका में सुधार लाने के प्रयास किये जायेंगे। साथ ही इन जनजातियों के गांव-गांव तक बेहतर टेलिकॉम कनेक्टविटी भी सुनिश्चित की जाएगी।
पहले से संचालित योजनाओं का मिलेगा शत-प्रतिशत लाभ
पीएम जनमन के अंतर्गत इन विशेष पिछड़ी जनजातियों को भारत सरकार की पहले से संचालित योजनाओं का शत-प्रतिशत लाभ भी दिलाया जायेगा। इन महाअभियान में लक्षित समुदाय को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत मुफ्त राशन एवं प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के अंतर्गत नि:शुल्क एलपीजी कनेक्शन दिये जाएगें। प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के अंतर्गत आयुष्मान भारत कार्ड, प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के अंतर्गत संस्थागत प्रसव, सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन एवं टीबी उन्मूलन के प्रयास तेज किये जायेंगे। इसके अलावा प्रधानमंत्री पोषण (पीएम पोषण) के माध्यम से इन जनजातियों के स्कूली बच्चों को मिड-डे-मील (मध्यान्ह भोजन) उपलब्ध कराया जाएगा। इन जनजातियों को बैंकिंग सुविधाओं का सीधा लाभ देने के लिये प्रधानमंत्री जनधन योजना से जोड़ा जायेगा। साथ ही इस वर्ग की बालिकाओं को सुकन्या समृद्धि योजना का लाभ भी दिलाया जायेगा।
पीएम जनमन के लिये मध्यप्रदेश की तैयारी
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में 17 जनवरी 2024 को मंत्रालय भोपाल में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में मध्यप्रदेश में पीएम जनमन के तहत होने वाले विभिन्न विकास कार्यों एवं कल्याण गतिविधियों को मंजूरी दे दी गई। इसके तहत प्रदेश में विशेष पिछड़ी जनजातीय क्षेत्रों के 23 जिलों में नए आंगनवाड़ी केन्द्रों, छात्रावासों, बहुउद्देश्यीय केंद्रों, सड़कों और आवासों का निर्माण किया जायेगा। "सक्षम आंगनवाड़ी एवं पोषण 2.0" योजना के अंतर्गत विशेष जनजाति बाहुल्य क्षेत्रों में 194 नवीन आंगनवाड़ी केन्द्रों की स्थापना एवं संचालन किया जायेगा। विशेष पिछड़ी जनजाति क्षेत्रों के ऐसे मजरे टोले, जिनकी जनसंख्या 100 या अधिक है और जहाँ आंगनवाड़ी केन्द्र नहीं है, वहाँ नए केन्द्र खोले जाएगे।
पीएम-जनमन में स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा विशेष पिछड़ी जनजाति बाहुल्य बसाहटों में निवासरत परिवार के बच्चों के लिये गुणवत्तायुक्त शिक्षा सुविधा के साथ-साथ 20 जिलों के 55 स्थानों पर 110 बसाहटों के निकट बालक और बालिकाओं के लिये पृथक-पृथक छात्रावासों का निर्माण किया जायेगा। वित्त वर्ष 2023-24 से पीएम-जनमन के अन्तर्गत प्रदेश के विशेष पिछड़ी जनजाति बाहुल्य जिलों में 60 लाख रूपये प्रति केन्द्र की लागत वाले बहुउद्देशीय केन्द्रों का निर्माण किया जायेगा। विशेष पिछड़ी जनजाति क्षेत्रों में अलग-अलग 11 गतिविधियों के लिए मध्यप्रदेश में 125 बहुउदेशीय केन्द्रों के निर्माण की स्वीकृति भारत सरकार ने दी है। केन्द्र निर्माण के लिए शत-प्रतिशत वित्तीय सहायता भारत सरकार द्वारा दी जायेगी। प्रत्येक केन्द्र निर्माण के लिए 2200 वर्गफीट भूमि की आवश्यकता होगी। इसमें से 1605 वर्गफीट भूमि पर भवन निर्माण किया जायेगा। भूमि का आवंटन जिला कलेक्टर करेंगे।
पीएम-जनमन में ग्रामीण विकास विभाग द्वारा क्रियान्वित की जाने वाली योजना के अंतर्गत बैगा, भारिया एवं सहरिया जनजातियों की बसाहट में सड़क संपर्क एवं आवास निर्माण की नवीन योजना को भी सैद्धांतिक अनुमोदन दे दिया गया है। विशेष पिछड़ी जनजातियों की मात्र 100 जनसंख्या वाले गांवों को भी पक्की सड़क से जोड़ा जायेगा। कुल 981 संपर्क विहिन बसाहटों में 2403 किलोमीटर लम्बाई के 978 मार्ग एवं 50 पुल बनाये जायेंगे। इस कार्य के लिए 3 वर्षों में 2354 करोड़ रूपये निवेश किये जाएंगे।
शासन द्वारा विशेष पिछड़ी जनजातीय बहुल क्षेत्रों में प्रति हितग्राही आवास निर्माण के लिये 2 लाख रूपये दिये जायेंगे। मनरेगा से अकुशल श्रमिक की 90/95 दिवस की मजदूरी के बराबर 27 हजार रूपये और स्वच्छ भारत मिशन से शौचालय निर्माण के लिये 12 हजार रूपये दिये जायेंगे। इससे प्रदेश में एक लाख से अधिक लक्षित हितग्राही परिवार लाभांवित होंगे।