ओवरलोड बस पकड़ी, छात्रों को टूर पर ले जा रहा था स्कूल प्रबंधन, छात्र परेशान,प्रशासन ने ली सुध
ग्वालियर।गुना जिले के आरौन से वैष्णोदेवी जा रही स्लीपर बस को ग्वालियर – मुरैना रोड पर चेकिंग के दौरान पकड़ा। चैकिंग कर रहे ट्रेफिक के सब इंस्पेक्टर राधाबल्लभ गुर्जर ने बस को रोका तो वह ओवरलोडेड मिली थी।गिनती हुई तो बस में 40 छात्रों सहित 57 यात्री सवार मिले थे।पुलिस ने इसको रोक लिया और इस बात की जानकारी तत्काल अधिकारियों को दी।
पुलिस की था कारवाही काबिले तारीफ थी।क्योंकि इस बस में स्कूली बच्चे थे । जो स्कूल की लापरवाही का शिकार होकर 7 दिन के टूर पर निकले थे।जिसकी जानकारी कारवाही के साथ ही आला अफसरों को दी गई।लेकिन उस समय कलेक्टर और एसपी सहित सभी आला अफसर एक मीटिंग में थे।एसपी राजेश सिंह चन्देल ने तत्काल एडिशनल एसपी ऋषिकेश मीणा को मौके पर भेजा । बस में भीड़ इतनी ज्यादा थी कि सिंगल स्लीपर पर तीन तीन छात्रों को बिठाया गया था जबकि डबल स्लीपर पर चार चार छात्र सवार थे. स्कूल संचालक का कहना था कि उन्होंने स्लीपर बस इसलिए बुक की थी कि बच्चे लेटकर जा सकें । स्कूल संचालक का बस में लोगों की ज्यादा संख्या को लेकर तर्क था कि सारे बच्चे एक साथ रह सकें इसलिए एक ही बस में लेकर जा रहे हैं. बस का टूर एक सप्ताह का था । स्कूल संचालक का कहना था उसने राइन ट्रेवल्स से इस बस की1 लाख 80 हजार रुपये में बुकिंग की है। पुलिस द्वारा पकड़े जाने के बाद तो पुलिस इस बस को पकड़कर मेला मैदान में खड़ी करके चली गयी। पुलिस बस को वापिस आरौन ले जाने पर अड़ी थी जबकि स्कूल संचालक उसे वैष्णोदेवी ले जाने की जिद कर रहा था।इस मामले पर अफसर और संचालक में फोन पर बातचीत चलती रही और रात के 11 बज गए। इस बीच न संचालक ने बच्चों की सुधि ली न ही प्रशांसन ने सुध ली। बस में बैठे बच्चे भूख और ठंड से बिलखते रहे। आसपास कोई दुकान , होटल या ढाबा भी नही था. कुछ बच्चे खाने की तलाश में मेला भी गए लेकिन तब तक मेला भी बन्द हो चुका था।इस बीच जब मीडिया से जुड़े कुछ लोग इस घटना का कवरेज करने के लिए मेला मैदान में खड़ी बस पर गए तो तड़फते हुए मासूमियत से भूखे बच्चे उनसे ही खाना मांगने लगे।दो बच्चे राशु दुवे और आरवेज़ खान ने मीडिया कर्मियों से बोलाकि अंकल हम लोग शाम से बैठें हैं लेकिन अब तक खाना नही मिला है। भूख से हम सबका बेहाल है. मीडिया वालों ने मोबाईल पर यह जानकारी कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह को दी । सूचना मिलते ही रात सवा ग्यारह बजे कलेक्टर सीधे बस पर पहुंचे।ओर बच्चो की व्यवस्था को देखा।