केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महाभियान को मंजूरी दी


दिल्ली।प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 24,104 करोड़ रुपये (केंद्रीय हिस्सेदारी: 15,336 करोड़ रुपये और राज्य हिस्सेदारी: 8,768 करोड़ रुपये) के कुल परिव्यय के साथ प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महा अभियान (पीएम जनमन) को मंजूरी दे दी है। इसके अंतर्गत नौसंबंधित मंत्रालयों के माध्यम से 11 अहम क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। प्रधानमंत्री ने जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर खूंटी से इस अभियान की घोषणा की थी।

विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) की सामाजिक-आर्थिक स्थितियों में सुधार के लिए प्रधानमंत्री पीवीटीजी विकास मिशन शुरू किया जाएगा। इसके बारे में बजट भाषण 2023-24 में घोषणा की गई थी। यह पीवीटीजी परिवारों और बस्तियों को सुरक्षित आवास, स्वच्छ पेयजल एवं स्वच्छता, शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण तक बेहतर पहुंच, सड़क और दूरसंचार कनेक्टिविटी और स्थायी आजीविका के अवसरों जैसी बुनियादी सुविधाएं प्रदान करेगा। अनुसूचित जनजातियों के लिए विकास कार्य योजना (डीएपीएसटी) के तहत अगले तीन वर्षों में मिशन को लागू करने के लिए 15,000 करोड़ रुपये की राशि उपलब्ध कराई जाएगी।

2011 की जनगणना के अनुसार भारत में अनुसूचित जनजाति की आबादी 10.45 करोड़ थी, जिसमें से 18 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में स्थित 75 समुदायों को विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) के रूप में वर्गीकृत किया गया है। इन पीवीटीजी को सामाजिक, आर्थिक और शैक्षिक क्षेत्रों में असुरक्षा का सामना करना पड़ रहा है।

पीएम-जनमन योजना (केंद्रीय क्षेत्र और केंद्र प्रायोजित योजनाओं को मिलाकर) जनजातीय मामलों के मंत्रालय सहित 9 मंत्रालयों के माध्यम से 11 महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करेगी, जो इस प्रकार हैं:

क्र.सं.

गतिविधि

लाभार्थियों/लक्ष्यों की संख्या

लागत मानदंड

1

पक्के मकानों का प्रावधान

4.90 लाख

2.39 लाख रुपये/मकान

2

संपर्क मार्ग

8000 कि.मी

रु. 1.00 करोड़/कि.मी.

3 ए

नल जलआपूर्ति/

मिशन के तहत 4.90 लाख एचएच सहित सभी पीवीटीजी बस्तियों का निर्माण किया जाना है

योजनाबद्ध मानदंडों के अनुसार

3 बी

सामुदायिक जल आपूर्ति

20 एचएच से कम आबादी वाले 2500 गांव/बस्तियां

वास्तविक लागत के अनुसार

4

दवा लागत के साथ मोबाइल चिकित्सा इकाइया

1000 (10/जिला)

33.88.00 लाख रुपए/एमएमयू

5ए

छात्रावासों का निर्माण

500

2.75 करोड़ रुपये/छात्रावास

5 बी

व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल

60 आकांक्षी पीवीटीजी प्रखंड

50 लाख रुपये/प्रखंड

6

आंगनबाडी केन्द्रों का निर्माण

2500

12 लाख रुपये/एडब्ल्यूसी

7

बहुउद्देशीय केंद्रों का निर्माण (एमपीसी)

1000

60 लाख रुपये/एमपीसी प्रत्येक एमपीसी में एएनएम और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता का प्रावधान

8ए

एचएच का ऊर्जाकरण (अंतिम मील कनेक्टिविटी)

57000 एचएच

22,500 रुपए/एचएच

8बी

0.3 किलोवाट सोलर ऑफ-ग्रिड प्रणाली का प्रावधान

100000 एचएच

50,000/एचएच या वास्तविक लागत के अनुसार

9

सड़कों और एमपीसी में सौर प्रकाश व्यवस्था

1500 इकाइयां

1,00,000 रुपए/इकाई

10

वीडीवीके की स्थापना

500

15 लाख रुपये/वीडीवीके

11

मोबाइल टावरों की स्थापना

3000 गांव

योजनाबद्ध मानदंडों के अनुसार लागत

 

ऊपर उल्लिखित कार्यों के अलावा, निम्नलिखित कार्य अन्य मंत्रालयों के लिए मिशन का हिस्सा होंगे:

  1. आयुष मंत्रालय मौजूदा मानदंडों के अनुसार आयुष कल्याण केंद्र स्थापित करेगा और मोबाइल चिकित्सा इकाइयों के माध्यम से पीवीटीजी बस्तियों तक आयुष सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा।
  2. कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय इन समुदायों के उपयुक्त कौशल के अनुसार पीवीटीजी बस्तियों, बहुउद्देशीय केंद्रों और छात्रावासों में कौशल और व्यावसायिक प्रशिक्षण की सुविधा प्रदान करेगा।

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