जेयू के इतिहास विभाग में हुआ व्याख्यान का आयोजन ,इतिहास किसी भी देश और समाज का दर्पण होता है - प्रो.डीएन गोस्वामी,कहीं न कहीं हर व्यक्ति इतिहास का विद्यार्थी होता है - प्रो.कुमार रत्नम

ग्वालियर । इतिहास किसी भी देश और समाज का दर्पण होता है।यह जानकर प्रसन्नता हुई कि इतने कम संसाधनों में भी इतिहास विभाग शैक्षणिक क्षेत्र में अच्छा काम कर रहा है।यह बात बुधवार को जेयू के कुलाधिसचिव प्रो.डीएन गोस्वामी ने इतिहास विभाग में आयोजित भारतीय इतिहास लेखन की परंपरा एवं विविध विचारधाराएं व्याख्यान में बतौर अध्यक्षता करते हुए कही। उन्होंने कहा कि शिक्षकों की कमी से हम ही नहीं सारे विश्वविद्यालय जूझ रहे है। इस कमी को दूर करने का मंथन किया जा रहा है। उन्होंने कम संसाधनों में अच्छा कार्य करने के लिए प्रो.एके सिंह को बधाई दी। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित प्रो.कुमार ने कहा कि जन्म लेते ही बच्चा इतिहास से जुड़ जाता है। हम माने या ना माने कहीं न कहीं हर व्यक्ति इतिहास का विद्यार्थी होता है यह कथन सत्य है। "भारतीय इतिहास लेखन की परम्परा एवं विविध विचारधारा' को प्रो. रत्नम ने सरल रूप में विद्यार्थियों के समक्ष प्रस्तुत किया।उन्होनें कहा कि भारत एक सांस्कृतिक राष्ट्र है, क्योंकि हम नदियों, पेड़ो, पहाड़ों की भी पूजा करते है। जब अंग्रेज सभ्यता की खोज कर रहे थे तब हमारे यह पुराणों में मानव सभ्यता की 30-40 परिभाषाएं मिलती थी। उन्होनें चाणक्य और कल्हण के विचारों का भी उल्लेख किया। इतिहास विभाग के शिक्षकों ने प्रो. कुमार रत्नम व प्रो.डीएन गोस्वामी को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। कार्यक्रम का संचालन एवं आभार व्यक्त प्रो. ए.के. सिंह ने किया।इस अवसर पर प्रो.शांतिदेव सिसौदिया , डॉ.जयंती शर्मा,डॉ.भारत भूषण, राकेश कुमार,आकाश शर्मा सहित छात्र एवं छात्राएं उपस्थित उपस्थित रहे।

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