सायबर क्राइम विंग ने 8 लाख 14 हजार रुपये की ऑनलाइन ठगी करने वाले तीन अंतर्राज्यीय आरोपियों को पश्चिम बंगाल से किया गिरफ्तार

 


ग्वालियर। क्राइम ब्रांच की सायबर क्राइम विंग ने 8 लाख 14 हजार रुपये की ऑनलाइन ठगी करने वाले तीन अंतर्राज्यीय आरोपियों को पश्चिम बंगाल से गिरफ्तार किया ।पुलिस  ने   अपील  की  कि    फोन पर किसी भी अज्ञात व्यक्ति द्वारा भेजी गई अनजान लिंक पर क्लिक न करे और फोन पर बैक से सबंधित कोई भी जानकारी व ओटीपी शेयर न करें। 

 पुलिस अधीक्षक ग्वालियर  राजेश सिंह चंदेल,भापुसे को एक आवेदिका ने शिकायती आवेदन पत्र दिया कि किसी अज्ञात व्यक्ति ने एक्सिस बैक का कर्मचारी बनकर लिंक भेजकर व ओटीपी पूछकर 8 लाख 14 हजार रुपये की ऑनलाइन धोखाधडी की गई है। उक्त शिकायत को गंभीरता से लेते हुये पुलिस अधीक्षक ग्वालियर ने क्राइम ब्रांच ग्वालियर की सायबर क्राइम विंग से सायबर क्राइम करने वाले अपराधियों पर कार्यवाही करने हेतु निर्देशित किया। 

थाना प्रभारी अपराध निरीक्षक अमर सिंह सिकरवार द्वारा उक्त शिकायत पर से थाना क्राइम ब्रांच में अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। विवेचना के दौरान पाया गया कि उक्त अपराध को ऑर्गनाइज तरीके से किया गया है तकनीकी जानकारी में प्राप्त हुआ कि फरियादी के खाते से निकले रुपये एक खाते से दूसरे खाते में स्थानान्तरण हुए फिर वहाँ से और अन्य खातो में स्थानातरित किये गये है तथा जिन सिमो का उपयोग करके घटना को घटित किया गया था वह सभी सिम फर्जी आईडी से एक्टिवेट की गई है। उक्त आरोपियों की गिरफ्तारी हेतु सायबर क्राइम की एक टीम पश्चिम बंगाल रवाना की गई उक्त टीम को क्राइम ब्रांच की सायबर क्राइम विंग 24 घण्टे तकनीकी जानकारी उपलब्ध कराती रही जिसके फलस्वरुप सायबर क्राइम टीम द्वारा कार्यवाही करते हुये आवेदिका के खाते से ऑनलाइन फ्रॉड करके निकले रूपये जिन खातो में स्थानांतरित हुये थे उन खाता धारक महिला आरोपिया को पश्चिम बंगाल के नादिया जिले से पकड़ लिया गया एंव ऑनलाइन फ्रॉड में प्रयुक्त हुई फर्जी सिम जारी करने वाले दो डिस्ट्रीव्यूटरों को हाबडा जिले से गिरफ्तार किया गया। क्राइम टीम द्वारा आरोपीगणांे को ट्राजिंट रिमाण्ड लेकर ग्वालियर आई। आरोपीगणों से पूछताछ में महिला आरोपिया द्वारा बताया गया है कि उसने कई बैको में खाते खुलवाये है और उन खातो को सायबर फ्रॉड करने वाले लोगों को बेच देती थी। दोनों सिम डिस्ट्रीब्यूटरों द्वारा पूछताछ में बताया गया है कि हमारे पास जब भी कोई व्यक्ति सिम खरीदने आता था तो हम उसके आधार कार्ड की फोटो मोबाइल में सेव कर लेते थे फिर बाद में उसी आधार कार्ड में दूसरा फोटो लगाकर नाम पता एडिट कर लेते थे फिर उसी आधारकार्ड के माध्यम से फर्जी सिम एक्टिव कर बल्क में ऐसे व्यक्तियों को बेच देते थे जो बिना कागजो के सिम मांगते थे। जिनका उपयोग सायबर फ्रॉड करने में उपयोग होता था। पूछताछ में बताया कि करीब 250 सिम फर्जी एक्टिव करके सायबर फ्रॉड करने वाले लोगों को बेच दी है जो पूरे देश में अलग-अलग राज्यो में लोगो से सायबर फ्रॉड करने के लिए उपयोग की जा रही है। सायबर क्राइम टीम द्वारा जानकारी खंगाली जा रही है कि बेची गई कितनी सिमों व खातों का फ्रॉड करने में उपयोग किया जा रहा है। उक्त अपराध में दो आरोपियों को क्राइम ब्रांच द्वारा पूर्व में पश्चिम बंगाल से गिरफ्तार किया जा चुका है


आमजन के लिए सूचना - फोन पर किसी भी अज्ञात व्यक्ति द्वारा भेजी गई अनजान लिंक पर क्लिक न करे और फोन पर बैक से सबंधित कोई भी जानकारी व ओटीपी शेयर न करें। सायबर फ्रॉड होने पर तत्काल अपने स्थानीय थाना व 1930 पर शिकायत दर्ज करें।

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