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Showing posts from May, 2023

डीजीसीए ने हेलीपोर्ट लाइसेंस देने की प्रक्रिया को सरल बनाया

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  दिल्ली (जप कुमार  )।  नागर   विमानन   महानिदेशालय (डीजीसीए) ने हेलीपोर्ट लाइसेंस देने की प्रक्रिया को सरल बना दिया है। इसके तहत अब   आवेदनों   को   पांच   बाहरी   संगठनों   को   एनओसी/मंजूरी   के   लिये   आवेदक   के   ईजीसीए   प्रोफाइल   में   सिंगल   टैब   के   जरिये   भेजा   जा   सकेगा। नागर   विमानन   महानिदेशालय ने विमान नियमों और संबंघित नागरिक उड्डयन आवश्यकताओं (सीएआर) का अनुपालन करते हुये हेलीपोट्र्स को भूतल पर अथवा जमीन से उपर भवनों की छतों पर हेलीपोर्ट लाइसेंस/परिचालन की अनुमति दी है। लाइसेंस लेने के इच्छुक आवेदकों को ईजीसीए पोर्टल के जरिये ऑनलाइन आवेदन डीजीसीए को भेजना होगा। इससे पहले ऑनलाइन आवेदन भेजने से पूर्व आवेदक को निम्नलिखित पांच संगठनों को ऑनलाइन/स्वयं जाकर एनओसी/मंजूरी के लिये आवेदन करना होता था। 1. गृह मंत्रालय 2. रक्षा मंत्रालय 3. पर्यावरण एवं वन मंत्रालय 4. भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण 5. स्थानीय प्रशासन   इस समूची प्रक्रिया को अब सरल बना दिया गया है और अब आवेदक के ईजीसीए प्रोफाइल में एक अलग टैब उपलब्ध करा दिया गया है। इन पांच बाहरी संगठनों को आवेदनों को एनओसी/मं

विशाखापत्तनम में ‘नौसेना अलंकरण समारोह’ में नौसेनाध्यक्ष वीरता और विशिष्ट सेवा मेडल प्रदान करेंगे

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दिल्ली।   नौसेना अलंकरण समारोह - 2023 ,   नौ सेना बेस विशाखापट्टनम में 31 मई  20 23 को आयोजित किया जाएगा। इनमें उन नौसेन्य कर्मियों को सम्मानित किया जाएगा जिन्होंने वीरतापूर्ण कार्यों, नेतृत्व, पेशेवर उपलब्धियों और उच्च कोटि की विशिष्ट सेवा का प्रदर्शन किया है। एडमिरल आर. हरिकुमार नौ सेनाध्यक्ष,   (सीएनएस), पदक प्राप्तकर्ताओं को भारत के राष्ट्रपति की ओर से वीरता और विशिष्ट सेवा पुरस्कार प्रदान करेंगे। यह पहली बार ही होगा कि ‘नौसेना अलंकरण समारोह’ शाम को आयोजित किया जा रहा है। समारोह के दौरान 33 पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे, जिनमें दो ‘नौसेना मेडल’(शौर्य), 13 ‘नौसेना मेडल’ (कर्त्तव्य के प्रति समर्पण), 16 ‘विशिष्ट सेवा मेडल’ और दो ‘जीवन रक्षा पदक’ शामिल हैं. ( https://pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=1893744 ) नौसेनाध्यक्ष, हथियार उन्नति और इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के क्षेत्र में अग्रणी अनुसंधान के लिए ‘लेफ्टिनेंट वी के जैन मेमोरियल गोल्ड मेडल’ और उड़ान-सुरक्षा को प्रोत्साहन देने के लिए ‘कैप्टन रवि धीर मेमोरियल गोल्ड मेडल’ भी प्रदान करेंगे। ऑपरेशनल यूनिट्स और शोर यूनिट्स के लिए यूनिट सा

सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर, यूबीए और विभा ने अगरबत्ती बनाने पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया

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 दिल्ली।  वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद  –  राष्ट्रीय विज्ञान संचार एवं नीति अनुसंधान केंद्र (सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर  –  निस्पर) ने उन्नत भारत अभियान (यूबीए) और विज्ञान  भारती (विभा  –  वीआईबीएचए) के सहयोग से उत्तराखंड में हरिद्वार जिले के गैंडीखाता संकुल (क्लस्टर) के पीली पड़व गांव के ग्राम पंचायत भवन में 25 मई 2023 को अगरबत्ती बनाने पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया। इस कार्यशाला का उद्देश्य वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद - केन्द्रीय औषधीय एव सगंध पौधा संस्थान [सीएसआईआर-सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिसिनल एंड एरोमैटिक प्लांट्स - सीआईएमएपी) ,  लखनऊ द्वारा विकसित अगरबत्ती बनाने की तकनीक (जानकारी) पर किसानों और महिलाओं को प्रशिक्षण  देना और प्रोत्साहित करना था। कार्यशाला में 120 से अधिक महिला प्रतिभागियों ने भाग लिया। कार्यक्रम की शुरुआत सुश्री मीनाक्षी चौधरी ,  स्थानीय समन्वयक ,  यूबीए नेटवर्क के स्वागत भाषण से हुई। दर्शकों को सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर के वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक डॉ. योगेश सुमन ने जानकारी दी। उन्होंने सीएसआईआर प्रौद्योगिकियों का उपयोग करके ग्रामीण क्षेत

लद्दाख में सिंधु नदी घाटी की झील के तलछट के रिकॉर्ड से 19 से 6 हजार साल पहले की जलवायु भिन्नता को समझने में मदद मिली

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दिल्ली (जप कुमार  )।   लद्दाख में सिंधु नदी घाटी से बरामद प्राचीन झील तलछट में छिपे रहस्यों ने 19.6 से 6.1 हजार वर्षों के आखिरी क्षरण के बाद से जलवायु का पता लगाने में मदद की है, जिससे उस युग के दौरान जलवायु परिवर्तन को समझने का मार्ग प्रशस्त हुआ है। शोधकर्ताओं ने पैलियोलेक जमाव से सहस्राब्दी से लेकर शताब्दी के पैमाने के जलवायु रिकॉर्ड का पुनर्निर्माण किया है और एक ठंडी शुष्क अवधि की पहचान की है, इसके बाद मजबूत मानसून अवधि और बाद में कमजोर मानसून चरण के साथ अंतिम ग्लेशियल मैक्सिमा में जलवायु परिवर्तन के साथ अल नीनो गतिविधियों में वृद्धि हुई। ट्रांस-हिमालय में लद्दाख क्षेत्र उत्तरी अटलांटिक और मानसून फोर्सिंग के बीच एक पर्यावरणीय सीमा बनाता है। इसका स्थान पश्चिमी और भारतीय ग्रीष्मकालीन मानसून जैसे वायुमंडलीय परिसंचरणों की विविधताओं में अंतर्दृष्टि प्राप्त करने के लिए आदर्श है। विशेष रूप से ग्लोबल वार्मिंग के मद्देनज़र, इन वायुमंडलीय परिसंचरणों की परिवर्तनशीलता में एक व्यापक समझ आवश्यक है। इसके अलावा, इस क्षेत्र में तलछटी अभिलेखागार बड़ी मात्रा में मौजूद हैं जिनका उपयोग पुरानी जलवायु जान

राष्ट्रीय दृष्टि दिव्यांगजन सशक्तिकरण संस्थान का दौरा

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 दिल्ली। सामाजिक   न्याय   एवं   अधिकारिता   मंत्रालय   के   तहत   देहरादून   में   स्थापित   नेशनल   इंस्टीट्यूट   फार   द   इम्पावरमेंट   आफ   पर्सन्स   विद   विजुअल   डिस्एबिल्टीज  ( दिव्यांगजन)   में   लंबे   समय   से   दृष्टि   बाधित   बच्चों   के   शिक्षा   व   प्रशिक्षण   का   काम   हो   रहा   है।   समाज   की   मुख्य   धारा   में   यहां   से   निकलने   वाले   बच्चे   न   केवल   पूरी   तरह   स्थापित   हो   रहे   हैं   अपितु   वे   सीबीएसई   बोर्ड   से   लेकर   यूपीएससी   जैसी   सिविल   सेवा   में   भी   शानदार   स्थान   हासिल   कर   रहे   हैं।   इस   संस्थान   में   दृष्टि   बाधित   बच्चों   व   वयस्कों   के   अलावा   अन्य   दिव्यांगजनों   के   प्रशिक्षण   के   लिए   नित   नए   शोध   किए   जाने   के   साथ   ही   ऐसे   मानव   संसाधन   भी   तैयार   की   जा   रही   है   जो   देश   के   दूसरे   हिस्सों   में   अपने   ज्ञान   से   दूसरों   की   मदद   कर   सकें। संस्थान   के   सहायक   प्रोफेसर   चिकित्सा   मनोविज्ञान   डा   सुरेन्द्र   ढालवाल   ने   बताया   कि   इसकी   शुरुआत   देश   क