प्राथमिक साक्षरता और संख्यात्मक मूल्यांकन की पहली परीक्षा 19 मार्च, 2023 को आयोजित हुई , 15 वर्ष से लेकर 80 वर्ष से अधिक आयु के शिक्षार्थी परीक्षा में शामिल हुए
दिल्ली (मनीष नायक )। नव भारत साक्षर कार्यक्रम के तहत एफएलएनएटी का आयोजन 19.03.2023 को देश के 10 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में किया गया था, ताकि नव-साक्षरों के प्राथमिक स्तर के पढ़ने, लिखने और संख्यात्मक कौशल का आकलन किया जा सके। शिक्षण और ज्ञान-प्राप्ति कार्यक्रमों को आयोजित करने के लिए स्कूलों और कॉलेजों के युवाओं और छात्रों को स्वयंसेवी शिक्षकों के रूप में शामिल किया गया था।
प्राथमिक साक्षरता और संख्यात्मक मूल्यांकन परीक्षा (एफएलएनएटी) के आयोजन में 22.70 लाख से अधिक शिक्षार्थियों ने भाग लिया, ताकि सफल होने पर उन्हें साक्षर घोषित किया जा सके। 15 वर्ष और उससे अधिक आयु वर्ग के असाक्षर लोगों में 80 वर्ष से अधिक आयु के पुरुष और महिलाएं भी शामिल हैं और कलम से लिखने में उन्होंने गर्व का अनुभव किया। शिक्षार्थी मूल्यांकन परीक्षा में शामिल होने के प्रति अत्यधिक प्रेरित थे। 5,35,000 शिक्षार्थियों के प्रारंभिक लक्ष्य के मुकाबले मध्य प्रदेश में अधिकतम 9,25,854 (महिला-5,91,421; पुरुष-3,34,433) शिक्षार्थी उपस्थित हुए। मूल्यांकन परीक्षा सभी 52 जिलों में आयोजित की गई थी। मध्य प्रदेश के आदिवासी जिले झाबुआ में सबसे अधिक 58470 शिक्षार्थी परीक्षा में शामिल हुए। इस जिले की एक प्रेरक घटना का उल्लेख जरूरी है, जहां,एक दूल्हा नीलेश वसुनिया, ग्राम नवापाड़ा, ब्लॉक थांदला, जिला झाबुआ ने अपनी बारात रोक दी और मूल्यांकन परीक्षा में उपस्थित हुए। इसके बाद बारात, उसकी शादी के लिए विदा हुई।
राजस्थान में 5,48,352 शिक्षार्थी (महिला 3,98,418 और पुरुष 1,49,934) मूल्यांकन परीक्षा में शामिल हुए। राज्य के सभी 33 जिलों के स्कूलों में मूल्यांकन परीक्षा आयोजित की गई थी। तमिलनाडु के सभी 38 जिलों में परीक्षा आयोजित की गई, जिसमें 5,28,416 शिक्षार्थी (महिला 4,36,020, पुरुष 92,371 और) शामिल हुए। 13 जिलों के पच्चीस (25) ट्रांसजेंडर भी परीक्षा में लिए उपस्थित हुए। उत्तर प्रदेश के सभी 75 जिलों में एफएलएनएटी आयोजित की गयी। परीक्षा में कुल 1,46,055 शिक्षार्थी उपस्थित हुए। केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के लेह और कारगिल, दोनों जिलों में, 7,366 शिक्षार्थी परीक्षा में शामिल हुए।
अन्य राज्यों में ओडिशा के 44,702, झारखंड के 48,691, पंजाब के 10,013, मेघालय के 3000 और चंडीगढ़ (यू टी ) के 2,596 शिक्षार्थी एफएलएनएटी में उपस्थित हुए।
नव भारत साक्षरता कार्यक्रम, भारत सरकार द्वारा अनुमोदित एक केंद्र प्रायोजित योजना है, जिसे वित्त वर्ष 2022-27 के दौरान कार्यान्वित किया जाएगा। यह योजना राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 की सिफारिशों के अनुरूप है। इस योजना के लक्ष्य के अंतर्गत, देश के 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के सभी गैर-साक्षर शामिल हैं, जिसमें महिलाओं और शैक्षिक रूप से पिछड़े राज्यों पर अधिक ध्यान दिया जाता है। इसके पाँच घटक हैं, i) प्राथमिक साक्षरता और अंकज्ञान, ii) महत्वपूर्ण जीवन कौशल, iii) बुनियादी शिक्षा, iv) व्यावसायिक कौशल, (v) सतत शिक्षा। यह योजना स्वयंसेवी शिक्षकों के माध्यम से कार्यान्वित की जायेगी। देश में इसके प्रभावी कार्यान्वयन के लिए; एनवाईकेएस स्वयंसेवक, समुदाय, स्कूलों और उच्च शिक्षा संस्थानों और शिक्षक शिक्षा संस्थान के छात्र, शिक्षण शिक्षा-प्राप्ति कार्यक्रम में शामिल होंगे।
हाल ही में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने डी.ओ. क्रमांक 2-2/2023सीपीपी-II के द्वारा दिनांक 27 जनवरी, 2023 को विश्वविद्यालयों के कुलपतियों एवं देश के सभी महाविद्यालयों के प्राचार्यों को योजना के क्रियान्वयन में छात्रों/उच्च शिक्षा संस्थानों की भागीदारी हेतु निर्देश जारी किये। यह निर्देश दिया गया है कि इस स्वयंसेवी गतिविधि के लिए क्रेडिट दी जानी चाहिए और शिक्षक प्रशिक्षण संस्थानों के छात्रों को एनआईएलपी के लिए अनिवार्य पाठ्यक्रम कार्य दिया जाना चाहिए।
शिक्षार्थियों को एनसीईआरटी के दीक्षा प्लेटफार्म के माध्यम से ऑनलाइन मोड में स्थानीय भाषाओं में पाठ्यक्रम सामग्री तक पहुंचने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। यूडीआईएसई के तहत पंजीकृत सरकारी/सहायता प्राप्त विद्यालय योजना के कार्यान्वयन की इकाई हैं। एनआईओएस के सहयोग से प्राथमिक साक्षरता और संख्यात्मक मूल्यांकन परीक्षा आयोजित करके साल में दो बार शिक्षार्थियों को प्रमाण पत्र दिए जायेंगे।