बार बार का रोना,एक बड़ी समस्या हैं देश में"कुपोषण"

प्रदीप जोश
इंदौर...
एक बड़ी समस्या हैं देश में कुपोषण ये विश्व के कई स्थानो पर भी हैं। मध्यप्रदेश में श्योपुर सर्वाधिक कुपोषित हैं कुछ दिन पहले वहां कुपोषण सुधारने के झुठे आकड़े भी आये जिसकी पोल खुल गई। कल मुख्यमंत्री ने वहाँ के एक अधिकारी को सस्पैंड भी किया। परंतु सस्पैंड करने से समस्या हल नहीं होगा। हमने उज्जैन में इसपर बहुत काम किया और तभी से आज तक और आगे भी करते रहैंगे। काम करने के साथ साथ रिसर्च भी की और कुपोषण आसानी से दुर हो इसके लिये अब हम काफी आगे बढ़ चुके हैं और दो माह में कुपोषित बच्चा सुपोषित हो जाता हैं इस स्थिती में आ गये। महिला एवं बाल विकास अधिकारीयो ने भी इन परिणामो पर प्रसन्नता जताई। परंतु हमने कभी भी सरकार से ये नहीं कहा कि वो इसके लिये फंडिंग करे क्योंकि उस व्यवस्था में जाने का अर्थ हैं,शासन प्रशासन के भ्रष्टाचार का सामना करना और यह हमें हमारे काम करने से भटकायेगा इसलिये हम समाज के सहयोग से जितना हो सकता हैं उतना प्रयास कर रहे हैं। और समस्या का हल भी समाज के हाथ में ही हैं यदि लोग मिलजुल कर अपने ईलाके के बच्चो का कुपोषण दुर करें तो ये हल आसान हो जायेगा। यदि समाजसेवी और युवा जो देश के लिये कुछ करना चाहते है तो ये जरूर करे तो एक बड़ी समस्या से निजात मिलेगी और भारत का नाम कुपोषितो की सुची में बाहर होगा। देश के लोगो की भी इसमें रूची नहीं हैं क्योंकि जो मजा भंडारा कराने में आता है वो कुपोषण दुर करने में थोड़ी आयेगा। प्रदर्शनो के चक्कर में मूल मुद्दे छूट जाते हैं। फिर भी जिसकी इसमें रूची हो कुछ करने की जरूर संपंर्क करे। हम तो अपने प्रयास कर रहें हैं और करते भी रहेंगे।

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