स्किल इंडिया, अगले 5 वर्षों में इसरो के 4,000 तकनीकी कर्मचारियों का कौशल विकास करेगा
दिल्ली (जप कुमार )। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के अंतरिक्ष विभाग में तकनीकी कर्मचारियों के कौशल को बढ़ावा देने के लिए, कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। इस समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर श्री राजेश अग्रवाल, सचिव, एमएसडीई और श्री एस सोमनाथ, अंतरिक्ष विभाग के सचिव/इसरो द्वारा किए गए।
इस कार्यक्रम का उद्देश्य देश के अंतरिक्ष क्षेत्र की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए इसरो के तकनीकी कर्मचारियों में कौशल विकास और क्षमता निर्माण हेतु प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए अल्पकालिक पाठ्यक्रमों का एक औपचारिक ढांचा तैयार करना है। अगले 5 वर्षों में इसरो के 4,000 से ज्यादा तकनीकी कर्मचारियों को इस कार्यक्रम के अंतर्गत प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। यह प्रशिक्षण पूरे देश में स्थित एमएसडीई के अंतर्गत आने वाले राष्ट्रीय कौशल प्रशिक्षण संस्थान (एनएसटीआई) द्वारा दिया जाएगा।
प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य अंतरिक्ष विभाग (डीओएस) के अंतर्गत इसरो केंद्रों और इकाइयों में काम करने वाले विभिन्न तकनीकी कर्मचारियों का कौशल विकास करना है। पूरे देश में एमएसडीई और इसके अत्याधुनिक प्रशिक्षण संस्थानों की सहायता से, यह कार्यक्रम नवीनतम उद्योग प्रवृत्तियों और आवश्यकता के अनुसार कर्मचारियों का कौशल विकास करने के लिए विशिष्ट विषयों में प्रशिक्षण प्रदान करेगा। समझौता ज्ञापन के अंतर्गत, इसरो एमएसडीई और संबंधित एनएसटीआई के साथ संयुक्त रूप से काम करेगा, जिससे कि कार्यक्रम के महत्वपूर्ण उद्देश्यों को पूरा करने के लिए एक विस्तृत प्रशिक्षण कैलेंडर, प्रशिक्षण कार्यक्रम और पाठ्यक्रम तैयार किया जा सके। इसरो प्रशिक्षुओं को ट्रेनी किट भी प्रदान करेगा।
इसके साथ ही, एमएसडीई द्वारा क्षमता निर्माण कार्यक्रम कार्यालय (सीबीपीओ) के परामर्श से चिन्हित किए गए राष्ट्रीय कौशल प्रशिक्षण संस्थानों (एनएसटीआई) में कार्यक्रम को प्रभावी रूप से पूरा करने के लिए प्रयोगशालाओं, कार्यशालाओं, कक्षाओं, प्रतिरूपों और अन्य प्रशिक्षण सुविधाओं की भी व्यवस्था करेगा। इस कार्यक्रम का निष्पादन सफलतापूर्वक करने के लिए और इसका पूर्ण पर्यवेक्षण करने के लिए भी एमएसडीई जिम्मेदार होगा।
समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने पर अपना विचार व्यक्त करते हुए श्री राजेश अग्रवाल, सचिव, कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय ने कहा कि प्रौद्योगिकी का आगमन और वैश्विक डिजिटलीकरण के साथ, यह आवश्यक है कि हम सभी क्षेत्रों में अपने तकनीकी कर्मचारियों को उत्कृष्ट बनाएं। इसरो में तकनीकी विशेषज्ञों का कौशल विकास करना इसी दिशा में उठाया गया एक कदम है। इसरो, पिछले दस वर्षों में अंतरिक्ष डोमेन को बड़े पैमाने पर नए रूप में परिभाषित करने के लिए एक गेम-चेंजर रहा है। उन्होंने आगे कहा कि ये प्रशिक्षण कार्यक्रम तकनीकी कर्मचारियों को अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी को अपनाने और आगे बढ़ने में सक्षम बनाएगा, जिससे अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत का स्थान और ज्यादा ऊंचा होगा। उन्होंने कहा कि हम उनकी सफलता में योगदान देने के लिए तत्पर हैं क्योंकि वे अंतरिक्ष में भारत के लिए एक नया भविष्य तैयार करते हैं।
तत्काल रूप से प्रभावी समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर, श्री टीवीएलएन राव, आरडी, आरडीएसडीई, कर्नाटक; श्री कुमारवेल, डीडी, आरडीएसडीई, कर्नाटक; श्री सी रवि, निदेशक, सीएफआई, डीजीटी; श्री प्रवीण कुमार, डीडी, डीजीटी; श्री मनीष गुप्ता, सहायक निदेशक, एमएसडीई; एन. सुधीर कुमार, निदेशक, सीबीपीओ, इसरो और निशांत कुमार, उप निदेशक, इसरो की उपस्थिति में किए गए। यह समझौता ज्ञापन 5 वर्षों के लिए वैध होगा।