कथक गुरु डॉ मोनिका श्रीवास्तव...जिनके लिए नृत्य साधना ही जीवन है


 


ग्वालियर (जयेश कुमार )।नृत्य साधना का महोत्सव नवदुर्गा उत्सव चल रहा है। इस महाउत्सव में ऐसे गुरु से रूबरू करते है  जिनके लिए नृत्य साधना ही जीवन है।ओर यह गुरु अपने जीवन को सार्थक बनाने के लिए कई  ऐसे शिष्यों को तैयार कर रही है जो देश ही नही विदेशों में भी कथक नृत्य से अपने गुरु और देश का नाम रोशन कर रहे है।

    हम बात कर रहे है कथक गुरु डॉ मोनिका श्रीवास्तव की ...ग्वालियर या कथक के क्षेत्र में यह नाम एक सम्मान माना जाता है ।इसके पीछे कथक गुरु मोनिका श्रीवास्तव की नृत्य साधना है ।देश के कई ख्यात गुरुजनो से  विधिवत कथक की बारीकियां सीखने के बाद गुरु दीक्षा को कई मंचो पर दर्शकों के समक्ष रखा और इस सफर के साथ साथ नये पीढ़ी को कथक के क्षेत्र में लाने का बीड़ा उठाया।चक्रधर समारोह सहित कई बड़े समारोह में अपने कथक से अमिट छाप छोड़ने के बाद डॉ मोनिका श्रीवास्तव ने एकेडमिक तौर पर कथक की शिक्षा का प्रचार प्रसार में जुट गई।  

       


कथक गुरु डॉ मोनिका श्रीवास्तव ने कथक में 2013 में इंद्रा कला संगीत विश्वविद्यालय खेरागढ़ से डॉक्टरेट किया।वही कथक में विधिवत 8 साल का डिक्लोमा भी किया।डॉ मोनिका ने राजा मानसिह तोमर संगीत और कला विश्वविद्यालय ग्वालियर में  अथिति विद्वान के रूप में 2010 से 2014 तक सेवाएं दी।शासकीय माधव संगीत कॉलेज में वर्ष 2008 से 2009 तक असिस्टेंट प्रोफेसर का दायित्व भी सम्हाल।वर्तमान में कथक गुरु डॉ मोनिका जी कथक विद्यानिकेतन की डायरेक्टर है।कई राष्ट्रीय वर्कशाप में अपने कथक से विशेष आमन्त्रण का गौरव प्राप्त कर चुकी कथक गुरु डॉ मोनिका जी ने गुरु पंडित रामलाल ,पंडित बिंदादीन महाराज जयंती, जन्माष्टमी महोत्सव,आजादी उत्सव,युवा उत्सव सहित कई मंच पर प्रस्तुतियां भी दी।

 कथक गुरु डॉ मोनिका श्रीवास्तव ने 5 वर्ष की आयु से कथक की विधिवत शिक्षा रायगढ घराने से लेना प्रारम्भ की।: डॉ मोनिका जी ने नृत्य गुरू प्रो डॉ. ज्योति बक्षी, डीन एव एच. ओ डी. नृत्य विभाग , रायगढ़ घराने के प्रसिद्ध नृत्यगुरु रामलाल गुरुजी एवं कुलपति प्रो. डॉ. माण्डवी सिह जी,प्रो. डॉ. सुचित्रा हरमलकर जी, प्रो डॉ.पुरु दधीच जी, प्रो.डॉ विभा दधीच जी एवं स्व. डॉ. मधुकर आनन्द जी  से भी कथक नृत्य की बारीकियों का अध्ययन किया।डॉ मोनिका जी ने रायपुर, दिल्ली, इलाहाबाद, बस्तर, ग्वालियर, इन्दौर, जबलपुर एवं हिमाचल प्रदेश सहित देश के कई प्रमुख मंचो पर अपनी प्रस्तुति दी है एवं चक्रधर समारोह व पण्डित फिरतू महाराज समारोह में श्रेष्ठ प्रदर्षन किया है। वर्तमान में डॉ मोनिका जी ‘‘कथक विद्या निकेतन‘‘  संस्था को स्थापित कर संस्था के माध्यम से कथक की नई पीढ़ी को तैयार कर रही है। यह संस्था गत 18 वर्षों से 7 नम्बर चौराहा मुरार ग्वालियर में संचालित है।जिसमे 200 से अधिक छात्र व छात्राओं को नृत्य की बारिकियों का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।जिससे वह कथक को उच्च स्तर पर ले जा सके। संस्था के माध्यम से अनेक छात्र-छात्राओं ने राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर कथक नृत्य से अपनी कला का उत्कृष्ट प्रदर्षन कर उच्च स्थान एवं स्कॉलरषिप भी प्राप्त की। जिसमें प्रमुख रूप से कटनी, हैदराबाद, शिमला, दिल्ली, ग्वालियर, उज्जैन, इन्दौर, मुम्बई, प्रयागराज, चंडीगढ़, वाराणसी, सिंगापुर एवं श्रीलंका आदि शामिल है। डॉ मोनिका ओर उनकी संस्था के प्रयासों को देख कर कहा जा सकता है कि आने वाले समय मे कथक देश ही नही विश्व मे अपनी अलग पहचान बनाने में  कामयाब  रहेगा।