विश्वविद्यालय के विकास में प्रो मिश्रा का रहा है अहम योगदान, जेयू के कुलसचिव प्रो. आनंद मिश्रा का रिटायरमेंट मंगलवार को हुआ

ग्वालियर।जीवाजी विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. आनंद मिश्रा मंगलवार को सेवा से निवृत्त हो गए। उनके रिटायरमेंट का कार्यक्रम का टंडन हॉल में रखा गया था। इसमें कुलपति प्रो. संगीता शुक्ला, कुलाधिसचिव प्रो. उमेश होलानी, डीसीडीसी डॉ. केशव सिंह गुर्जर, डीएसडब्ल्यू प्रो. एसके द्विवेदी, प्रॉक्टर डॉ. हरेंद्र शर्मा, वित्त नियंत्रक सगीरा सिद्दीकी, सहित प्रो. अविनाश तिवारी, प्रो. एसके सिंह, प्रो. एसके शुक्ला, प्रो. मुकुल तैलंग, उपकुलसचिव डॉ. आईके मंसूरी, डॉ. राजीव कुमार मिश्रा, एआर अमित सिसोदिया, साधना शर्मा, कर्मचारी संघ की ओर से राकेश गुर्जर, अरविंद भदौरिया, विश्वरंजन गुप्ता, राजेश नायक सहित अन्य लोग मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन डीआर अरूण चौहान ने किया।

प्रो. मिश्रा के मिश्रा की सेवा निवृत्ति पर सभी ने अपने- अपने विचार रखे और उनके द्वारा विश्वविद्यालय के विकास में किए गए योगदान के बारे में बताया।कुलपति प्रो. संगीता शुक्ला ने कहा कि प्रो. मिश्रा के लंबे कार्यकाल के दौरान दिए गए योगदान की चर्चा की। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय को आगे बढ़ाने के लिए प्रो. मिश्रा ने हमेशा आगे बढ़कर साथ दिया। उनकी कलम जेयू के विकास की दिशा में हमेशा चलती रही।कुलाधिसचिव प्रो. उमेश होलानी ने कहा कि उनकी सरलता और धैर्यता हमेशा कुछ न कुछ सिखाती रही। प्रो. मुकुल तैलंग ने कहा कि आपसे हमेशा कुछ न कुछ सीखने को ही मिला है।


कुलसचिव प्रो. आनंद मिश्रा ने भी अपनी खट्टी- मीठी यादों को बातों के रूप में कहा। उन्होंने रामायण में समुद्र को पार करते वक्त श्रीराम की सेना द्वारा बनाए गए पुल के निर्माण गिलहरी के योगदान के योगदान की चर्चा की। साथ ही अपने जीवनकाल के कुछ पहलुओं की भी चर्चा की।

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