मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग में स्वीकार की पत्र याचिका, होम आइसोलेशन के करोना मरीजो को नगर निगम के कचरा वाहन से दवाईया बॉटने पर विधी छात्र एवं युवा कांग्रेस प्रवक्ता जयेश गुरनानी ने दायर की थी याचिका

इंदौर/ विगत दिनों इंदौर नगर निगम का एक बड़ा कुकृत्य उजागर हुआ था, निगम के अधिकारी  कचरा गाड़ी के माध्यम से होम आइसोलेशन में रह रहे  करोना मरीजों को  दवाइयों की किट उपलब्ध करा रहे थे  उक्त  कृत्य के संबंध में  विभिन्न समाचार पत्रो के माध्यम से प्रकाशित  हुई थी।


जब आला अधिकारियों से पूछा गया कि आखिर कचरा गाड़ी में संजीवनी मरीजों तक क्यों पहुंचाई जा रही है तो वह निरुत्तर निकले तथा सवाल को टालते दिखे। वाहन क्रमांक एमपी-09-जीजी-9497 जो कि जोन क्रमांक-2 का कचरा साफ करने में इस्तेमाल किया जाता है उस वाहन से निगम द्वारा होम आइसोलेशन के मरीजों को संजीवनी बाटी जा रही थी।


उक्त लापरवाही  के संबंध में विधि छात्र तथा मध्य प्रदेश युवा कांग्रेस के प्रवक्ता श्री जयेश गुरनानी ने मध्य प्रदेश मानव अधिकार आयोग में  याचिका दायर करके मुख्य रूप मामले की जांच करने तथा जिन भी अधिकारियों द्वारा यह लापरवाही की गई थी उनके विरुद्ध प्रकरण पंजीबद्ध किये जाने  तथा पीड़ित हुए सभी नागरिकों को नगर निगम से  मुआवजा देने की मांग की थी । मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग द्वारा उक्त याचिका की प्रारंभिक जांच कर याचिका स्वीकार करते हुवे पंजीबद्ध की है जिसकी जानकारी श्री जयेश गुरनानी को ई-मेल से प्राप्त हुई है 


गौरतलब है कि करोना की दूसरी लहर में  हजारो नागरिक इंदौर शहर में होम आइसोलेशन मैं कोरोना महामारी से जंग लड़ रहे थे तथा नगर निगम द्वारा करोना मरीजो को कचरा गाड़ी में संजीवनी देकर उनका मानव अधिकार का हनन कर संकमण फैलाया है , याचिका का अंतिम निराकरण जल्द होगा उम्मीद है कि पीड़ित परिवारों को शीघ ही  मुआवजा भी मिलेगा ।

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