मुख्यमंत्री ने कोरोना को लेकर कमिश्नर, कलेक्टर और स्वास्थ्य अधिकारियों से जिलावार चर्चा की,महाराष्ट्र से लगे जिलों में बस सेवाएं 30 अप्रैल तक बंद
भोपाल। मध्यप्रदेश में लगातार बढ़ते कोरोना मामलों को देखते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज कमिश्नर,कलेक्टर और स्वास्थ्य विभाग के जिले के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ वर्चुअल बैठक की। बैठक में यह तय किया गया कि महाराष्ट्र से लगे जिलों में सार्वजनिक बस सेवाएं 30 अप्रैल तक बंद रखी जाए। स्कूल अभी नहीं खोले जाएंगे। रंग पंचमी जैसे त्योहारों पर कोई जुलूस और चल समारोह नहीं होगा क्योंकि यह बहुत घातक हो सकता है। मुख्यमंत्री ने बैठक में अधिकारियों से कहा कि वे जन जागरूकता अभियान को और बढ़ाएं।उन्होंने अफसरों से कहा कि वह नियम तोड़ने वालों को ओपन जैल बनाकर स्पॉट पर दंडित करें। अस्पतालों में बेड की अधिक से अधिक क्षमता बढ़ाए। जांच रिपोर्ट जल्द कैसे मिले यह देखें।
मुख्यमंत्री ने इस पर चिंता व्यक्त की कि मध्य प्रदेश में पिछले 24 घंटों में 2332 मरीज मिले हैं जिनमें इंदौर में 645 और भोपाल में करीब 500 मामले हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्थानीय प्रशासन पुलिस और सामाजिक कार्यकर्ता मास्क उपयोग के लिए जनता को अधिक से अधिक जागरूक करें। रोको टोको अभियान को भी और प्रभावी बनाएं।
सीएम ने कहा कि जन जागरूकता का कार्य निरंतर चलता रहे।मास्क के उपयोग के लिए प्रेरित करते रहें। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कुछ अच्छे प्रयोग पहले हुए थे जैसे किसी सामाजिक कार्यकर्ता द्वारा यमराज बनकर घूमना और लोगों को जागरूक करना,ये जारी रखें। साथ ही अन्य प्रयोग भी करें, जिससे लोग प्रभावित हों, जैसे शॉप्स के पास सर्किल निर्मित करना,जनता को निरंतर समझाइश देना। मुख्यमंत्री ने कहा कि इंदौर,भोपाल,जबलपुर, खरगोन की स्थिति से वे चिंतित हैं। इन स्थानों पर कुछ माइक्रो कंटनमेंट जोन बनाकर नियंत्रण करें। ज्यादा संक्रमण को हर हाल में रोकना है ।क्राइसेस मैनेजमेंट ग्रुप के सदस्यों से चर्चा कर निर्णय लें।
मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस और डीजीपी विवेक जौहरी की उपस्थिति में जिलों में कोराना को लेकर किए गए प्रबंधों की विस्तृत जानकारी संबंधित जिले के कलेक्टर से ली। वीसी से चर्चा की इंदौर से शुरुआत हुई।
इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह ने बताया कि प्रशासन पूरी तरह सतर्क है और होम आइसोलेशन की व्यवस्था कारगर है। मनीष सिंह ने बताया कि पांच हजार से अधिक बेड का प्रबंध किया गया है। आवश्यकता होने पर और भी बेड बढ़ाए जा रहे हैं। सेवा भारती सहित अन्य संस्थाएं सहयोग कर रही हैं।
भोपाल के बारे में चर्चा में कलेक्टर अविनाश लवानिया ने बताया कि भोपाल में बेड क्षमता 4 से 6 हजार है। धर्म गुरु भी जागरूक कर रहे हैं।भोपाल में अनेक धर्मगुरु सार्वजनिक तौर पर वेक्सीन लगवा चुके हैं जिससे अन्य लोग को प्रेरणा मिलती है। भोपाल में दस हजार चालान हुए हैं।
भोपाल में 171 जगह वेकसीनेशन हो रहा है। तेजी लाई जा रही है इस कार्य में। सीएम की बैतूल, ग्वालियर जिलों से भी चर्चा हुई। खरगोन और रतलाम पर भी चर्चा की गई। कलेक्टर,रतलाम ने बताया कि रेलवे प्रशासन से यात्रियों के मोबाइल नंबर लेकर समझाइश देने का कार्य करने का प्रयोग कर रहे है,बाहर से आए रेल यात्रियों को फोन कर आइसोलेट रहने का कहेंगे। धार जिले में की गई व्यवस्थाओं की जानकारी भी सीएम को दी गई। जिले में मास्क के प्रयोग को बढ़ावा देने और जागरूकता के विशेष प्रयास हो रहे है. कलेक्टर आलोक कुमार सिंह ने बताया कि मंडियों में 10000 मास्क बांटे गए हैं।
कमिश्नर, भोपाल ने बताया कि भोपाल में बेड क्षमता बढ़ाने और जांच रिपोर्ट जल्दी आए, ये व्यवस्था कर रहे है। महाराष्ट्र से सीमा के जिले छिंदवाड़ा में किए गए 6401 स्पॉट फाइन,मास्क नहीं लगाने पर। 15 अप्रैल तक अंतर राज्जीय बस परिवहन नहीं होगा। जबलपुर पर भी चर्चा हुई। रीवा में पर्याप्त व्यवस्था है।तत्काल जिला चिकित्सालय ले जाते हैं पॉजिटिव रोगियों को। वेक्सिनेशन हो रहा,तीन अप्रैल को शिविर लगा रहे हैं। सीहोर में भी भगोरिया आयोजन नहीं हुए। शाजापुर की समीक्षा में बताया गया कि शहरी क्षेत्र में ज्यादा केस आ रहे।क्राइसेस मैनेजमेंट ग्रुप के सहयोग से होली पर्व सादगी से मनाया गया। अस्सी प्रतिशत पॉजिटिव रोगी होम आइसोलेशन में हैं।दो सीसीसी तैयार हैं।ये सीसीसी शाजापुर और शुजालपुर में बनाये गए है।
सागर में 39 प्रकरण औसतन आ रहे हैं।कलेक्टर ने बताया बीएमसी के अलावा चार निजी अस्पताल में बेड की व्यवस्था की गई है।जिला मुख्यालय के ही अस्सी प्रतिशत केस हैं।बैठकें कर रहे जन प्रतिनिधियों के साथ।जन जागरूकता अभियान असर भी दिख रहा। खंडवा में 24 प्रतिशत पॉजिटिव रोगी ही अस्पताल में हैं।त्योहारों पर नियंत्रण रहा।सहयोग मिला।अब तक 69 लाख का जुर्माना मास्क न लगवाने पर किया गया है. सीएम ने कहा महाराष्ट्र का सीमावर्ती जिला होने पर भी खंडवा जिले में प्रशासन ने अच्छा नियंत्रण किया।