मध्यप्रदेश मे किसानो को करोड़ो का चूना लगाकर ट्रेडर्स फरार, नए कृषि कानून पर उठे सवाल
भोपाल।कृषि कानून के विरोध में कड़ाके की ठंड के बीच किसान सड़कों पर हैं। इसी बीच मध्य प्रदेश से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। जहां देवास के खातेगांव में करीब दो दर्जन किसानों के साथ करोड़ों की ठगी करके फरार हो गया। दो व्यापारी भाईयों ने किसानों के साथ मसूर-चना के लिए करीब 2 करोड़ रुपये का समझौता किया, लेकिन बाद में भुगतान करने से आनाकानी करने लगे और लापता हो गए। उपज का भुगतान करने के लिए व्यापारी ने किसानों को चेक भी दिया। लेकिन चेक बाउंस हो गया। बार-बार कंपनी के व्यापारी से बात करने के बाद भी किसानों को भुगतान नहीं मिलने पर किसानों ने मंगलवार को कलेक्ट्रेट में एसडीएम के नाम अपर कलेक्टर को ज्ञापन को ज्ञापन दिया है।
इसमें बताया गया है कि खातेगांव के खोजा ट्रेडर्स के प्रोपराइटर सुरेश खोजा व पवन खोजा ने किसानों के घर-घर जाकर नवंबर माह में उपज खरीदी है।
किसानों ने बताया कि हरदा में करीब 22 किसानों ने खोजा ट्रेडर्स से समझौता किया था जिसमें 3 करोड़ का चना एवं मूंग खरीदा गया। लेकिन जब भुगतान का वक्त आया तो ट्रेडर्स का पता ही नहीं लगा। जब किसानों ने ट्रेडर्स का पता लगाया तो मालूम चला कि तीन महीने के अंदर ही उन्होंने अपनी कंपनी का रजिस्ट्रेशन खत्म कर दिया है। अब इस मामले में खातेगांव पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज कराया गया है, जबकि कलेक्टर को ज्ञापन भी सौंपा गया है। ज्ञापन में किसानों ने 19 किसानों की सूची भी सौंपी है, जिनसे व्यापारी ने अनाज खरीदा है।
इसमें यह भी बताया कि व्यापारी ने 6000 रुपये प्रति क्विंटल दर से मूंग व 7000 हजार रुपये प्रति क्विंटल दर से डॉलर चना खरीदा है। ज्ञापन सौंपने वालों में राहुल पटेल, मुकेश पटेल, कन्हैयालाल पटेल, आनंद इनानिया, राजेश जाट आदि मौजूद रहे। किसानों का दावा है कि आसपास के इलाकों में करीब 100-150 किसानों के साथ इस तरह की घटना हुई है। किसानों को इस मामले में शक तब हुआ जब ट्रेडर्स द्वारा दिया गया चेक ही बाउंस कर गया। खोजा ट्रेडर्स के ने उन्हें मंडी रेट से ज्यादा रेट देने की बात कही थी।
मामला सामने आने के बाद नए कृषि कानूनों को लेकर सवाल उठने लगे हैं।तीन नए कानूनों में से दो प्रावधान में भी प्राइवेट मार्केट में रजिस्ट्रेशन और विवाद को सुलझाने का मसला है। नए कृषि कानूनों के तहत किसान-कंपनी का समाधान SDM करा सकता है। वहीं दूसरी ओर देखा जाए तो दिल्ली में किसान आंदोलन कर रहे पंजाब और हरियाणा के किसान भी इन दो मुद्दों पर विरोध कर रहे हैं, जिनमें प्राइवेट ट्रेडर्स के रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया मजबूत हो और कोई विवाद होने पर स्थानीय कोर्ट में जाने का रास्ता मिल सके।