दिल्ली, केरल और पश्चिम बंगाल में फिर तेजी बढ़ रहे हैं कोरोना के मामले, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने लिया जायजा

 


नई दिल्ली।केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने गुरुवार को दिल्ली, केरल और पश्चिम बंगाल के स्वास्थ्य सचिवों और स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए कोरोना के बढ़ते मामलों पर चर्चा की. इन तीनों राज्यों में लगातार केस बढ़ रहे हैं.
राजधानी दिल्ली में पिछले कुछ दिनों से लगातार केस बढ़ रहे है. दिल्ली में 29,378 सक्रिय मामले हैं, 1.76% की मृत्यु दर और पॉजिटिविटी रेट 7.9% है. पिछले 24 घंटों में 5 हजार से ज्यादा नए मामले दर्ज किए गए. पिछले चार हफ्तों में नए मामलों में लगभग 46% की वृद्धि हुई है. वहीं पिछले चार हफ्तों में पॉजिटिविटी रेट में लगभग 9% की वृद्धि हुई है. बढ़ते मामलों के बारे दिल्ली की तरफ से कहा गया की उत्सव के दौरान सामाजिक समारोहों, बिगड़ती वायु गुणवत्ता, श्वसन विकारों की बढ़ती घटनाओं और कार्य स्थानों पर ज्यादा केस पाए जाने को ज़िम्मेदार बताया गया.


 
वहीं पश्चिम बंगाल में 37,111 सक्रिय मामले हैं. राज्य का केस फेटलिटी रेट 1.84% है और पॉजिटिविटी रेट 8.3% है. राज्य ने पिछले 24 घंटों में तीन हजार से ज्यादा नए मामले दर्ज किए हैं. पिछले चार हफ्तों में औसत दैनिक मामलों में 23% वृद्धि दर्ज की गई है. इसके अलावा चार हफ्तों में पॉजिटिविटी रेट में 1% की वृद्धि हुई है. वहीं पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग, नादिया, मेदिनीपुर पश्चिम, जलपाईगुड़ी, हुगली ऐसे जिलों में लगातार नए मामले बढ़ते जा रहे हैं. जबकि, मुर्शिदाबाद, नादिया, कूचबिहार, कोलकाता और दार्जिलिंग में पिछले हफ्ते हुई साप्ताहिक मौतों में वृद्धि दर्ज की गई है.
इसी तरह केरल में कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं. गुरुवार तक केरल में कुल सक्रिय मामले 93,369 हैं. पिछले चार हफ्तों में औसत दैनिक मामलों में 11% वृद्धि दर्ज की गई है. पिछले 14 दिनों में नए मामलों की संख्या 98,778 है. वहीं पिछले 24 घंटों में, केरल में साढ़े आठ हजार मामलों के साथ अधिकतम नए मामले दर्ज किए हैं. केरल के त्रिसूर, अलापुझा, कोट्टायम, पठानमथिट्टा, मलप्पुरम शीर्ष जिले हैं जो COVID मामलों में बढ़ते रुझान दिखा रहे हैं.
ऐसे में केंद्र की तरफ से राज्य को सलाह दी गई है वो 'टेस्ट-ट्रैक-ट्रीट' रणनीति का सख्ती से पालन करें. खासकर पश्चिम बंगाल को जहां टेस्ट पर दस लाख सिर्फ 41,261 है जोकि राष्ट्रीय औसत से भी कम है. ये भी सलाह दी गई है कि होम आइसोलेशन रह रहे मरीजों पर मॉनिटर करे और जरूरत पड़ने पर अस्पताल में दाखिल कर इलाज करे. साथ ही कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग की प्रक्रिया को भी तेज़ करें.वहीं लोग मास्क पहने और सामाजिक दूरी भी रखे इसका भी ख्याल रखना होगा.


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