बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग, नवंबर में शाह करेंगे दौरा

कोलकत्ता।अगले साल अप्रैल-मई में प्रस्तावित बंगाल विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी तैयारियों में जुट गई है। बीजेपी महासचिव व बंगाल के केंद्रीय प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने शुक्रवार को बताया कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह 5 और 6 नवंबर को बंगाल दौरे पर जाएंगे. बता दें कि कोरोना से मुक्त होने के बाद अमित शाह का यह पहला बंगाल दौरा होगा।पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन के बिना निष्पक्ष चुनाव संभव नहीं है।
       बीजेपी महासचिव व बंगाल के केंद्रीय प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने शुक्रवार को कहा कि तृणमूल कांग्रेस शासित राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाए बगैर विधानसभा चुनाव निष्पक्ष नहीं हो सकते।उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ की नई दिल्ली में गुरुवार को हुई मुलाकात के अगले ही दिन कही है.
विजयवर्गीय ने कहा, मेरा व्यक्तिगत तौर पर मानना है कि पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाए बिना निष्पक्ष विधानसभा चुनाव नहीं हो सकते, क्योंकि वहां पहले नौकरशाही का राजनीतिकरण हो गया, यहां तक तो ठीक है, पर अब नौकरशाही का अपराधीकरण भी हो गया है।
  श्री विजयवर्गीय ने कहा, मैं ये दावे से कह रहा हूं कि अगर पश्चिम बंगाल में निष्पक्ष विधानसभा चुनाव हुए, तो वहां बीजेपी की सरकार बनेगी. बंगाल की जनता ममता जी की सिंडिकेट और भ्रष्ट सरकार से ऊब चुकी है।
       उन्होंने कहा कि, केंद्रीय गृह मंत्री ने एक टीवी चैनल से साक्षात्कार में इस बात को स्वीकार किया है कि पश्चिम बंगाल में कानून-व्यवस्था की स्थिति बहुत खराब है, लेकिन हमारा प्रजातंत्र पर विश्वास है और हम एक चुनी हुई सरकार को लेकर संवैधानिक तरीके से ही कोई कदम उठाएंगे।
राज्यपाल ने शाह को दी रिपोर्ट


श्री विजयवर्गीय ने कहा, हमें समय का इंतजार करना चाहिए क्योंकि पश्चिम बंगाल के राज्यपाल ने केंद्रीय गृह मंत्री को गुरुवार को ही अपनी रिपोर्ट सौंपी है. राज्यपाल बंगाल की कानून व्यवस्था पर लगातार सवाल उठाते रहे हैं।लेफ्ट-कांग्रेस गंठबंधन का नहीं पड़ेगा असर
विजयवर्गीय ने कहा कि पश्चिम बंगाल के अगले विधानसभा चुनावों में लेफ्ट और कांग्रेस के बीच संभावित चुनावी गठबंधन से बीजेपी की जीत की संभावनाओं पर ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा.
उन्होंने कहा, पश्चिम बंगाल में बीजेपी की विचारधारा के प्रति समर्पित वोट बैंक खड़ा हो गया है. अगले विधानसभा चुनावों में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी में सीधी लड़ाई होनी है.


 


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