उज्जैन में 27 करोड़ 42 लाख रुपये कीमत की जमीन शासकीय घोषित

 


उज्जैन।शहर के हरिफाटक क्षेत्र में स्थित बेशकीमती 0.418  हेक्टेयर पट्टा ताकायमी भूमि को पुन: शासकीय रिकार्ड में पट्टा ताकायमी के रूप में दर्ज  किये  जाने  के निर्णय  पर  आज न्यायालय  की मोहर भी  लग  गई  है ।   जिला प्रशासन के  निर्णय  के  विरुद्ध  जिला  न्यायालय  गए  वादी नीलोफर पिता  राशिद खान  का  सिविल सूट  विद्वान  जिला  न्यायाधीश  श्री  एन  पी  सिंह  ने  खारिज  कर  दिया  है । जिला प्रशासन की  और  से  तहसीलदार  श्री  श्रीकांत शर्मा  ने  मजबूत  दस्तावेजो के  साथ  अपना पक्ष  रखा  और  बेशकीमती   जमीन   सरकार  की  बनी  रही ।    व्यावसायिक दर से जोड़ा जाये तो इस भूमि की कीमत लगभग 27 करोड़ 42 लाख रुपये होती है।  यह  भूमि वर्ष 1950 के पूर्व औद्योगिक इकाई स्थापित करने के लिये आवंटित की गई थी जो 1963-64 तक पट्टा ताकायमी के रूप में दर्ज रही, किन्तु इसके बाद उक्त जमीन पर कतिपय व्यक्तियों ने अपना नाम चढ़वा लिया था।
       उल्लेखनीय है कि कलेक्टर श्री आशीष सिंह के निर्देश पर सर्वे क्रमांक 3667/1 एवं 2 की भूमि की जांच करवाई गई तथा जांच में पाया गया कि उक्त भूमि पट्टा ताकायमी भूमि है तथा यह भूमि वर्ष 1963-64 तक पट्टा ताकायमी भूमि के रूप में अभिलेखों में दर्ज रही, किन्तु कालान्तर में सांठगांठ कर उक्त भूमि सर्वे क्रमांक 3667/1 नीलोफर पिता रशीद खा के  नाम चढ़वा ली गई थी । 3667/1 पर मैरिज गार्डन बना हुआ था ।   उक्त  जमीन को  23  अगस्त को  एसडीएम श्री आरएम त्रिपाठी द्वारा मप्र भू-राजस्व संहिता-1967 की धारा 115 के तहत भू-अभिलेख में सुधार करते हुए पुन: पट्टा ताकायमी भूमि के रूप में दर्ज करने के आदेश जारी कर दिये गये थे  तथा  इसका   शासकीय घोषित  करते  हुए  कब्जा  तहसीलदार  द्वारा  कब्जा  लिया  गया  था ।


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