सिंधिया उपचुनाव वाले जिलों में चाहते है अपने अफ़सर
भोपाल। मध्यप्रदेश में प्रशासनिक अधिकारियों नियुक्ति में सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया का हस्तक्षेप साफ नज़र आने लगा है, खबर है कि सिंधिया ने प्रदेश में करीब सोलह कलेक्टरों के तबादलों की सूची मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को थमा दी हैं.
मंत्रिमण्डल में मनमाफिक संख्या और विभाग हासिल करने के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया का पहला लक्ष्य प्रदेश की अफसरशाही में अपना प्रभाव बढ़ाने और दिखाने का हैं. अभी तक सिंधिया परिवार की प्रशासनिक पकड़ ग्वालियर संभाग में देखने को मिलती थी. स्व: माधवराव सिंधिया और ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी अक़्सर अपनी पसंद के अफसरों को इसी संभाग में तैनात करवाया, लेकिन अब सिंधिया ने अपनी रणनीति बदल ली है. उन्होंने न केवल उनके समर्थक मंत्रियों के विभागों में पूर्ण नियंत्रण रखने के संकेत दिए है बल्कि अन्य विभागों में भी अफसरों की पदस्थापना का बड़ा हिस्सा माँगा हैं. किसी ज़माने में सिंधिया के साथ रहे मध्यप्रदेश केडर के एक सेवानिवृत अधिकारी और उनके निज सचिव ने अफसरों की पदस्थापना सम्बंधित लम्बी-चौड़ी सूची मुख्यमंत्री को सौंप दी हैं, इस सूची में 16 कलेक्टर के अलावा कुछ संभागायुक्त, पुलिस महानिरीक्षक एवं पुलिस अधीक्षक भी शामिल हैं. सिंधिया ने भाजपा आलाकमान से भी इस मामले में मुख्यमंत्री को संकेत दिलवा दिए है. सिंधिया चाहते है जिन जिलों में विधानसभा उपचुनाव होना है वहाँ उनकी ही पसंद या सहमति से कलेक्टर रखे जाएं. पिछले माह गुना कलेक्टर की पदस्थापना में सिंधिया की सहमति ली गई जबकि शिवपुरी और मुरैना कलेक्टर सिंधिया की मनमर्जी से बने हैं. अगले सप्ताह आने वाली आईएएस- आईपीएस अफसरों की बड़ी तबादला सूची में सिंधिया का हस्तक्षेप साफ नज़र आएगा.
*इंदौर में भी खाता खुला*
इंदौर एकेवीएन में एमडी और जलसंसाधन विभाग में मुख्य अभियंता की पदस्थापना को लेकर ज्योतिरादित्य सिंधिया मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर भारी पड़े है. कुमार पुरुषोत्तम के गुना कलेक्टर पद पर तबादले के बाद करीब एक माह तक एकेवीएन में पदस्थापना नहीं हो सकी. सिंधिया ने एमडी के लिए अपने कट्टर समर्थक नीरज निगम, गुना के करीबी रिश्तेदार जिला पंचायत, इंदौर के सीईओ रोहन सक्सेना को एमडी बनाने के लिए मुख्यमंत्री को कह दिया था. तीन दिन पहले सक्सेना एकेवीएन में बैठ गए. उधर सिंधिया ने जलसंसाधन विभाग में मुख्य अभियंता मदनसिंह डाबर की नियुक्ति भी करवाई है. मुख्यमंत्री इन दोनों पदों पर भी अपने पसंदीदा अधिकारीयों की नियुक्ति चाह रहे थे.