दरोगा ने निगम के वरिष्ठ अधिकारियों की बोलती बंद कर दी
इंदौर। स्वास्थ्य विभाग का एक दरोगा अपने साथी दरोगा जगदीश करोसिया की कोरोना से हुई मौत से व्यथित हो गए ।दरोगा ने जब मोटरोला सेट हाथ आया तो उस पर आया तो उसपर ऐसा बोला कि उसने नगर निगम के अधिकारियों की बोलती बंद हो गयी। उक्त दरोगा ने जो सवाल उठाए उसका निगम के किसी भी अधिकारी के पास जवाब नहीं था। उक्त दरोगा ने कहा कि पिछले 2 दिनों से उक्त दरोगा का नाम सेट पर बुलाया जा रहा है लेकिन यह किसी ने जानने की कोशिश नहीं की कि उक्त दरोगा क्यों गैरहाजिर है। यह दरोगा कई दिनों से एमटीएच हॉस्पिटल में कोरोना से पीड़ित होने के कारण भर्ती था और अंततः उसकी मौत हो गई। उक्त दरोगा ने सवाल उठाया कि दरोगा की मौत पर किसी ने भी शोक व्यक्त नहीं किया। बात बात पर वेतन काट देने और निलंबित करने की धमकी देने वाले अधिकारियों ने भी उसकी कोई मदद नहीं की। उसने कहा कि एमपीएच हस्पिटल में उक्त दरोगा का ठीक तरह से उपचार भी नहीं हुआ लेकिन निगम के किसी अधिकारी ने ध्यान नहीं दिया। वह दरोगा लगभग 10 मिनट तक सेट पर अपनी पीड़ा व्यक्त करता रहा लेकिन किसी भी वरिष्ठ अधिकारी ने इसे सांत्वना देना तो दूर कोई जवाब भी नहीं दिया। अंत में सिर्फ अपर आयुक्त संदीप सोनी सेट पर आए और उन्होंने उक्त दरोगा का नाम नंबर मांगा और उनसे मोबाइल पर बात करने को कहा। सवाल यह उठता है कि नगर निगम के जो कर्मचारी अपनी जान जोखिम में डालकर कोरोना संक्रमण काल में सेवाएं दे रहे हैं उनके लिए नगर निगम प्रशासन क्या इतना भी संवेदनशील नहीं है कि उनके लिए सांत्वना के दो शब्द कह सके।