चंबल नदी के क्षेत्र में बाढ की स्थिति पर रखे निगरानी-कमिश्नर जल संसाधन विभाग के अंतर्गत प्रचलित कार्यो की समीक्षा

श्योपुर | चंबल संभाग के कमिश्नर श्री आरके मिश्रा ने कहा है कि कोटा बैराज से चंबल नदी में बरसात के दौरान अधिक पानी छोडने से श्योपुर-मुरैना जिले के क्षेत्र में लगे गांवो में बाढ की स्थिति निर्मित होती है। जिस पर जल संसाधन विभाग के इंजीनियर चंबल नदी के क्षेत्र में कोटा बैराज से छोडने वाले पानी की स्थिति पर निगरानी रखे। साथ ही कन्ट्रोलरूम स्थापित कर बाढ की संभावना के मद्देनजर सूचनाओ का आदान-प्रदान निंरतर करें। वे आज कलेक्टर कार्यालय श्योपुर में सभागार में जल संसाधन विभाग के अंतर्गत प्रचलित कार्यो की समीक्षा बैठक में विभागीय अधिकारियो को दिशा-निर्देश दे रहे थे।
    बैठक में कलेक्टर श्री राकेश कुमार श्रीवास्तव, पुलिस अधीक्षक श्री सम्पत उपाध्याय, डीएफओ सामान्य वन मंडल श्री सुधाश यादव, अपर कलेक्टर श्री एसआर नायर, सहायक कलेक्टर श्री पवार नवजीवन विजय, एसडीएम श्री रूपेश उपाध्याय, कार्यपालन यंत्री पीडब्ल्यूडी श्री संकल्प गोलिया, जल संसाधन श्री सुभाष गुप्ता, पीएचई श्री संतोष श्रीवास्तव, पीआईयू श्री विपिन सोनकर एवं संबंधित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
    आयुक्त चंबल संभाग श्री आरके मिश्रा ने बैठक में कहा कि जल संसाधन विभाग द्वारा बाढ की दिशा में चंबल नदी में छोडे जाने वाले कोटा बैराज से पानी की जानकारी कन्ट्रोलरूम के माध्यम से निरंतर दी जावे। यह कन्ट्रोलरूम 24 घंटे कार्य करना चाहिए। उन्होने कहा कि विगत वर्ष में चंबल नदी में 07 लाख क्यूसेक पानी छोडने से नदी क्षेत्र के गांवो के पानी का भराव अधिक हो गया था। ऐसी स्थिति सन् 1996 में भी निर्मित हुई थी। उन्होने कहा कि गांधी सांगर से कोटा बैराज से पानी पहुचेगा। इसके बाद कोटा बैराज से पानी चंबल नदी में छोडा जावेगा। इस दिशा में जल संसाधन विभाग के इंजीनियर प्रभावी कार्यवाही करे। जिससें बरसात के दौरान बाढ की स्थिति पर नियंत्रण पाने में सुविधा होगी।
    कलेक्टर श्री राकेश कुमार श्रीवास्तव ने बैठक में बताया कि बरसात के दौरान राजस्थान से कोटा बैराज से विगत वर्ष बडे पैमाने पर पानी छोडा गया था। जिससे श्योपुर जिले में क्षेत्र में चंबल किनारे के गांव जलमग्न हुये थे। उन्होने कहा कि कार्यपालन यंत्री जल संसाधन श्योपुर एवं कोटा बैराज से पानी छोडने की जानकारी प्राप्त करने के प्रयास किये जावेगे। साथ ही इस दिशा में बरसात के दौरान कन्ट्रोलरूम को प्रभावी बनाया जावेगा। बैठक में जल संसाधन विभाग के कार्यपालन यंत्री श्री सुभाष गुप्ता ने जल संसाधन विभाग के माध्यम से बनवाये जा रहे स्टॉप डैम की जानकारी दी। साथ ही लघु सिचांई परियोजनाओ की प्रगति से अवगत कराया। उन्होने कहा कि बरसात के दौरान कोटा बैराज से छोडे जाने वाले पानी पर निरंतर निगरानी रखी जावेगी। साथ ही कन्ट्रोलरूम 24 घंटे सूचना प्रदान करने में मदद करेगा।


Popular posts from this blog

नेताओ की ऐसी की तैसी बोल कर, 2 जूते मारने की दी धमकी,आडियो वायरल, थाना प्रभारी लाइन अटैच,पिता को परेशान कर रहा था फरियादी:थाना प्रभारी

फर्जी वेब साईट ने किया राष्ट्रीय सिंचाई और जल संसाधन बोर्ड के तहत प्रशासन अधिकारी, सींचपाल और सींचपाल पर्यवेक्षक के पदों के लिए भर्ती करने का दावा

“ मोदी ” और “लाड़ली बहना” से बीजेपी की ऐतिहासिक जीत ,कांग्रेस ने हार स्वीकारी