भोपाल - प्रदेश में प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत की योजना को सबसे पहले मूर्त रूप देना है योजनाओं का अधिकतम लाभ गरीबों और किसानों को दें मुख्यमंत्री श्री चौहान ने आत्मनिर्भर भारत पैकेज-3 की प्रदेश की तैयारियों की समीक्षा की
भोपाल | मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मध्यप्रदेश को केंद्रीय योजनाओं के क्रियान्वयन में नंबर-एक रहना है। यह प्रसन्नता का विषय है कि प्रदेश में प्रधानमंत्री जी की स्ट्रीट वेंडर योजना को सबसे पहले क्रियान्वित किया गया है। अब हमें आत्मनिर्भर भारत योजना को भी मध्य प्रदेश में सबसे पहले क्रियान्वयन करना है, इसे सबसे पहले मूर्त रूप देना है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि केंद्रीय योजनाओं के अंतर्गत तत्परता से कार्यवाही प्रकरण बनाए जाएं। हमें इन योजनाओं का लाभ गरीबों, किसानों एवं संबंधित हितग्राहियों को देना है। मुख्यमंत्री श्री चौहान चिरायु अस्पताल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भारत सरकार के आत्मनिर्भर भारत पैकेज-3 की तैयारियों की समीक्षा कर रहे थे।
वीसी में वाणिज्यिक कर, वित्त, योजना आर्थिक एवं सांख्यिकी मंत्री श्री जगदीश देवड़ा, जल संसाधन, मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास मंत्री श्री तुलसी सिलावट, किसान कल्याण तथा कृषि विकास मंत्री श्री कमल पटेल, बड़वानी से पशुपालन मंत्री श्री प्रेम सिंह पटेल, शिवपुरी से उद्यानिकी एवं खाद्य संस्करण मंत्री श्री भारत सिंह कुशवाहा, मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस, कृषि उत्पादन आयुक्त श्री के.के. सिंह तथा सभी संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
प्रधानमंत्री जी को पत्र लिखेंगे
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने आत्मनिर्भर पैकेज के अंतर्गत सम्मिलित सभी विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे योजना के संबंध में कोई स्थिति स्पष्ट न होने अथवा इनके संबंध में केंद्र सरकार की अन्य किसी सहायता के लिए प्रारूप बनाकर प्रस्तुत करें। प्रधानमंत्री जी को पत्र भिजवाया जाएगा। प्रधानमंत्री राज्यों की मदद करने में हमेशा तत्पर रहते हैं।
एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए 7440 करोड़ का फंड
एग्रीकल्चर इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड | |
वित्तीय लक्ष्य - राशि 7440 करोड़ | |
वर्ष | राशि (करोड़ में) |
2020-21 | 744 |
2021-22 | 2232 |
2022-23 | 2232 |
2023-24 | 2232 |
मुख्यमंत्री चौहान ने बताया कि एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड योजना के अंतर्गत मध्यप्रदेश के लिए वर्ष 2023-24 तक के लिए 7440 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है, जिसमें इस वित्तीय वर्ष में 744 करोड़ का प्रावधान है। इसके अंतर्गत प्रति प्रकरण दो करोड़ की क्रेडिट गारंटी दी जाएगी तथा ब्याज में 3 प्रतिशत तक की छूट दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि प्रदेश में कृषि अधोसंरचना के विकास के लिए इस फंड का पूरा-पूरा उपयोग सुनिश्चित किया जाए। इस फंड से प्रदेश में कोल्ड स्टोरेज, वेयरहाउस, साइलो फूड प्रोसेसिंग यूनिट, ई-ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म, राइपनिंग चेंबर, स्मार्ट एग्रीकल्चर ऑर्गेनिक आदान तथा सप्लाई चैन संबंधी अधोसंरचना का निर्माण किया जा सकता है। इसके अंतर्गत प्रत्येक विकासखंड को इस वित्तीय वर्ष में दो-दो प्रकरणों का लक्ष्य दिया जा रहा है।
प्रदेश में एक हजार कृषक उत्पादक संगठनों का गठन होगा
केंद्र की इस योजना के अंतर्गत प्रदेश में इस वित्तीय वर्ष में एक हजार कृषक उत्पादक संगठनों एफपीओ का गठन किया जाएगा। सरकार की ओर से एफपीओ के प्रत्येक सदस्य को दो हजार रूपये तथा प्रत्येक एफपीओ को अधिकतम 15 लाख रुपए तक बराबर मैचिंग इक्विटी ग्रांट प्रदान की जाएगी। प्रत्येक एफपीओ दो करोड़ रूपये तक क्रेडिट गारंटी फैसिलिटी दी जाएगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने निर्देश दिए कि प्रत्येक जिले में एफपीओ गठन का कार्य तत्परता के साथ किया जाए, साथ ही पुराने कृषक उत्पादक संघों को भी मजबूत बनाया जाए।
प्रदेश के किसानों को फसल ऋण के लिए 2000 करोड़ रुपए प्राप्त
पैकेज के अंतर्गत किसानों को फसल ऋण के लिए जिला सहकारी केंद्रीय बैंक को नाबार्ड द्वारा स्पेशल लिक्विडिटी फैसिलिटी प्रदान की जा रही है। इसके अंतर्गत अपेक्स बैंक द्वारा नाबार्ड को 3000 करोड़ रुपए का प्रस्ताव भिजवाया गया था, जिसमें से नाबार्ड द्वारा 2000 करोड़ रुपए प्रदेश के लिए स्वीकृत कर दिए गए हैं, जो कि बैंक को प्राप्त हो गए हैं। राशि कृषकों को ऋण वितरण के लिए जिला सहकारी बैंकों को भिजवाई जा चुकी है। कोरोना संकट के चलते किसानों की सुविधा के लिए राज्य शासन द्वारा खरीफ 2019 तथा रबी 2019-20 के ऋणों की ड्यू डेट बढ़ाकर 31 अगस्त 2020 कर दी गई है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कार्य के लिए सभी संबंधित को बधाई दी।
प्रदेश के 9.50 लाख से अधिक किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड
किसानों को क्रेडिट कार्ड योजना के अंतर्गत प्रधानमंत्री किसान योजना में प्रदेश के 9 लाख 87 हजार किसानों को बैंकों के माध्यम से किसान क्रेडिट कार्ड जारी किए जाने हैं। इनमें से नौ लाख तीन हजार किसानों को कार्ड जारी किए जा चुके हैं। शेष 63 हज़ार 526 किसान पात्र हैं, जिनको केसीसी जारी करने की कार्रवाई की जानी है। इसके लिए भारत सरकार द्वारा 334.71 करोड रुपए की लिमिट राशि स्वीकृत की गई है। इसके साथ ही प्रदेश के 2 लाख 68 हजार दुग्ध उत्पादकों को भी किसान क्रेडिट कार्ड दिए जाएंगे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने निर्देश दिए कि यह सुनिश्चित किया जाए कि हर किसान को किसान क्रेडिट कार्ड आवश्यक रूप से प्राप्त हो जाए। इसके लिए आवश्यकता पड़ने पर वे स्वयं बैंक के अधिकारियों के साथ राज्य स्तरीय बैठक करेंगे।
उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण योजना 3 प्रतिशत ब्याज अनुदान
उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण योजना के अंतर्गत विभिन्न उद्यानिकी फसलों को बढ़ावा दिए जाने के साथ ही सप्लाई चैन, विपणन लिंकेज, पैक हाउस, सोर्टिंग एवं ग्रेडिंग यूनिट, कोल्ड चैन, प्राइमरी प्रोसेसिंग सेंटर एवं राइपनिंग चेंबर आदि के लिए 2 करोड रुपए तक की ऋण गारंटी सरकार द्वारा दी जाएगी तथा 3 प्रतिशत ब्याज अनुदान दिया जाएगा। योजना के क्रियान्वयन के मुख्यमंत्री चौहान ने निर्देश दिए।
290 लाख पशुओं का टीकाकरण एवं टैगिंग
पैकेज में पशुपालन संबंधी प्रावधानों के अंतर्गत प्रदेश के समस्त गो-भैंस वंशीय 290 लाख पशुओं का टीकाकरण कराया जाएगा तथा टैगिंग की जाएगी। इसके लिए केंद्र सरकार को प्रदेश से 301 करोड़ 76 लाख रुपए का प्रस्ताव भिजवाया गया था जिसमें से भारत सरकार द्वारा 48 करोड़ 82 लाख रुपये की राशि प्रथम चरण के लिए जारी कर दी गई है। प्रदेश के 70 लाख पशुओं की टैगिंग भी की जा चुकी है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने तत्परता से कार्य के लिए संबंधितों को बधाई दी।
दुग्ध संघों को 2 प्रतिशत ब्याज अनुदान
इस योजना के अंतर्गत प्रदेश के दुग्ध संघों को भारत सरकार द्वारा ऋण पर दिए गए ब्याज पर 2 प्रतिशत वार्षिक अनुदान दिया जाएगा। प्रदेश के दो दुग्ध संघों को कुल 40 करोड रूपए की कार्यशील पूंजी के लिए प्रस्ताव राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड को भिजवाया जा चुका है। इसमें 20 करोड रुपए इंदौर दुग्ध संघ के लिए तथा 20 करोड रुपए उज्जैन दुग्ध संघ के लिए होंगे।
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना का लाभ दें
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रत्येक जिले में प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना का समुचित क्रियान्वयन करने और मछुआरों को इसका अधिक से अधिक लाभ दिए जाने के निर्देश दिए। बताया गया कि जिलों में प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के अंतर्गत कुल राशि 149.44 करोड़ रुपये के प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। इसमें से केंद्र अंश की राशि 45.41 करोड़ रूपये राज्य अंश की राशि 30.04 करोड़ रूपये तथा हितग्राही अंश की राशि 73.99 करोड़ रुपये है।