गर्मी की गहरी जुताई, फसल उत्पादन बढ़ाने में सहायक

  टीकमगढ़ | कृषि विज्ञान केन्द्र, टीकमगढ़ के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख तथा वैज्ञानिकों द्वारा कृषकों को रबी फसल कटाई उपरान्त खेतों में उपलब्ध नमी का लाभ उठाते हुऐ एक वर्तमान में गहरी जुताई कर फसलों का उत्पादन बढ़ाने का कार्य करें। किसान भाई तीन वर्ष में एक बार गर्मी में मिट्टी पलटने वाले हल (एम.बी. प्लाऊ) से गहरी जुताई अवष्य करना चाहिए। ऐसा करने से रबी फसलों के अवशेष (नरवाई) मिट्टी में दबकर सड़ जाने से कम्पोस्ट खाद अर्थात कार्बनिक पदार्थो की मात्रा बढ़ जाती है जिसके कारण भूमि की गुणवत्ता के साथ साथ फसलों का उत्पादन भी बढ़ जाता है और भूमि के अन्दर छिपे हुये कीटो के अण्डे, लार्वा, प्यूपा तथा फंफूद आदि तेज धूप से नष्ट हो जाते है। गहरी जुताई से वर्षा का जल अधिक संरक्षण होता है जो फसल की वृद्धि एवं उत्पादन बढ़ाने में लाभदायक है, खरपतवारों के पौधे एवं बीज भी मिट्टी में दबकर काफी मात्रा में नष्ट हो जाते है। गर्मी की एक गहरी जुताई से अनेको प्रकार के लाभ होने से किसान की फसलोत्पादन में लागत भी कम हो जाती है। अर्थात इन सभी लाभो को ध्यान में रखते हुये कृषको को प्रतेक तीन वर्ष में एक गहरी जुताई करनी चाहिए। साथ ही कोरोना से बचाव के लिये किसान आपस में सामाजिक दूरी रखे, मुंह पर मास्क लगाये तथा नियमित साबुन से हाथ धोते रहे।


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