एकीकृत कोरोना कंट्रोल रूम बना नागरिकों का मददगार (कहानी सच्ची है) साढ़े चार हजार से अधिक फोन कॉल का हुआ समाधान
जबलपुर | नोवल कोरोना वायरस (कोविड-19) संक्रमण के कारण लॉकडाउन के दौरान लोगों की दिक्कतों, जिज्ञासाओं आदि के त्वरित समाधान के लिए जबलपुर शहर के दमोहनाका में एकीकृत कोरोना कंट्रोल रूम संचालित किया जा रहा है। जिला स्तरीय इस कंट्रोल रूम को प्राप्त 8 हजार 572 फोन कॉल में से 4 हजार 614 में त्वरित कार्रवाई कर समाधान किया गया। जबकि 3 हजार 958 फोन कॉल्स से संबंधित समस्याओं का निराकरण प्रक्रियाधीन है।
जिला स्तरीय कंट्रोल रूम को राशन, भोजन, आश्रय, चिकित्सा, परिवहन तथा अन्य प्रकार की सहायता एवं सहयोग के लिए प्राप्त होने वाले फोन कॉल को आठ अलग-अलग श्रेणी में दर्ज कर त्वरित कार्यवाही की जा रही है। कंट्रोल रूम को अब तक कोरोना संबंधित जानकारी जैसे शासन द्वारा निर्देश, हॉस्पिटल सुविधा और विशेषज्ञ डॉक्टर से संबंधित 108 फोन कॉल्स मिली। जबकि फोन कॉल्स द्वारा सूचनाकर्ता द्वारा संदिग्ध मामलों की जानकारी देने 728 फोन कॉल्स आए। कुल 211 ऐसे भी फोन कॉल्स आए जिनमें मरीज स्वयं या परिजन जिनमें कोरोना के लक्षण दिख रहे हैं। उन्होंने फोन कॉल्स से सूचित किया।
इसके अलावा कोरोना के कारण नागरिकों को खाद्य एवं आवश्यक सामग्री, जैसे सिलेण्डर, केरोसिन न मिलने, मजदूरी नहीं मिलने, कोरोना के कारण फल, सब्जी, दूध नहीं मिलने संबंधी 6 हजार 365 फोन कॉल्स आए। इसमें से अधिकांश की समस्या का निराकरण संबंधित कार्यों के लिए चिन्हित अधिकारियों के माध्यम से कराया गया। साथ ही कोरोना के कारण राज्य के अंदर और बाहर आवागमन में हो रही असुविधा से संबंधित 638 फोन कॉल्स मिले। जबकि कोरोना की वजह से लॉकडाउन के दौरान दवाईयां और चिकित्सा सुविधा नहीं मिलने, मरीज को अस्पताल नहीं ले जा पाने से संबंधित 254 फोन कॉल्स का निपटारा कराया गया। 701 टेली मेडिसिन फोन कॉल्स के माध्यम से लोगों को स्वास्थ्य संबंधी सलाह दवा व उपचार प्रदान किया गया।
कंट्रोल रूम में 24 बाय 7 अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहते हैं। नागरिकों को फोन कॉल्स पर प्राप्त सूचना के आधार पर संबंधित विभाग के अधिकारी त्वरित कार्यवाही करते हैं।