पुरुष नसबंदी मामले में प्रज्ञा तिवारी पर गिरी गाज
पूजा जयेश
भोपाल।पुरुष नसबंदी वाले मामले में कल्याण शाखा की उप संचालक डा. प्रज्ञा तिवारी को भी हटा दिया गया है।उनकी जगह डा. राजीव श्रीवास्तव को नियुक्त किया गया है।ईसके साथ ही प्रशासननिक फेर बदल में चार सीनियर आईपीएस अधिकारियों को नयी पोस्टिंग मिल गयी है.
मध्य प्रदेश में पुरुष नसबंदी का टारगेट पूरा ना करने पर बहुउद्देश्यीय स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की सेवा समाप्त करने और सैलरी वापिस लेने का आदेश पिछले दिनों एनएचएम ने जारी किया था। आदेश आते ही हड़कंप मच गया था. उसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने तत्काल कार्रवाई करते हुए ये आदेश जारी करने वाली मिशन संचालक आईएएस अफसर छवि भारद्वाज को हटा दिया था। उन्हें मंत्रालय में OSD बनाकर भेज दिया गया।अब इसी मामले में दूसरी गाज एनएचएम में परिवार कल्याण शाखा की उप संचालक डा. प्रज्ञा तिवारी पर गिरी है। उनका प्रभार छीन लिया गया है. इसके बदले अब प्रज्ञा को प्री सर्विस शिक्षा शाखा और अस्पताल प्रशासन का चार्ज दिया गया है. प्रज्ञा तिवारी अब तक शिशु स्वास्थ्य पोषण, परिवार कल्याण कार्यक्रम, और नेशनल आयरन प्लस इनिशिएटिव(निपि) में पोस्ट थी, उनका प्रभार डा. राजीव श्रीवास्तव को सौंपा गया है।स्वास्थ्य विभाग ने राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-4 की रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया था कि राज्य में वर्ष 2019-20 में सिर्फ 0.5 प्रतिशत पुरुषों ने ही नसबंदी करायी. ये लक्ष्य से बेहद कम है. राज्य के राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने राज्य के कमिश्नर, जिला अधिकारियों और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों के नाम से आदेश जारी किया था. इसमें कहा गया था कि ऐसे सभी पुरुष बहुउद्देश्यीय स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की लिस्ट बनाएं, जिन्होंने इस दौरान एक भी पुरुष की नसबंदी नहीं करवाई या कुछ काम ही नहीं किया. ऐसे स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को 'शून्य कार्य आउटपुट' मानकर उन पर काम नहीं तो वेतन नहीं का नियम लागू किया जाएगा।
परिवार नियोजन कार्यक्रम में पुरुषों की भागीदारी बढ़ाने के आदेश पर हाय-तौबा मचने के बाद मध्य प्रदेश सरकार ने इसे वापस ले लिया था. अब टार्गेट पूरा ना करने पर ना तो किसी की नौकरी जाएगी और न ही सैलरी वापस ली जाएगी.इससे पहले एनएचएम ने पुरुष बहुउद्देश्यीय स्वास्थ्य कार्यकर्ताओ की सूची तैयार करने का आदेश दिया था, जो साल 2019-20 में एक भी पुरुष की नसबंदी नहीं करा पाए।