निमाड़ी मिर्च को मिलेगी नई पहचान

कुमार यश
खरगोन। निमाड़ में पहली बार निमाड़ की किसी फसल को लेकर कार्यक्रम कसरावद में आगामी 29 फरवरी व 1 मार्च को हो रहा है। निमाड़ की मिर्ची को अपनी स्वतंत्र पहचान और यहां के किसानों को इस फसल से अधिक मुनाफा हो, इन उद्देश्यों के साथ निमाड़ चिली फेस्टिवल 2020 का आयोजन किया जा रहा है। भारत के आंध्रप्रदेश में गुंटुर में स्थित मिर्च मंडी एशिया में नंबर-1 व खरगोन जिले के बैड़िया में स्थित मिर्च मंडी नंबर-2 पर मानी जाती है। गत वर्षों में गुंटुर व महाराष्ट्र के मिर्च व्यापारी आदिवासी बहुल्य क्षेत्र झिरन्या के पिछोड़िया, मारूगढ़, आमड़ी और मुंडिया गांव में किसानों की खाली भूमि किराए पर लेकर निमाड़ की मिर्ची खरीदकर इन्हीं स्थानों पर डंठल निकालते हुए, साफ-सफाई कर मिर्च की ग्रेडिंग कर पैकिंग की जाती है। पैकिंग करने के बाद दिल्ली व बाम्बे शहरों में भेजी जाती है। यह मिर्ची इन शहरों में आंध्रप्रदेश की तेजा प्रजाति की पहचान के नाम से बेची जाती है।
उद्यानिकी उप संचालक केके गिरवाल ने बताया कि खरगोन जिले में मिर्च की कई प्रजातियां हमारे किसान लगाते है। तकनीकी तरीकों से खेती करने के बाद अच्छी फसल भी लेते है, लेकिन हमारे निमाड़ी मिर्ची को वह नाम नहीं मिल पाता है, जो मिलना चाहिए। चिली फेस्टिवल 2020 उस दिशा में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इस आयोजन से न सिर्फ किसानों को मिर्च की फसल से जुड़े पहलुओं से अवगत कराया जाएगा, बल्कि मिर्च की ब्रांडिंग, बाजार व्यवस्था, नवीन तकनीक और मिर्च की बीमारियों के बारे में भी वैज्ञानिकों द्वारा अवगत कराया जाएगा। साथ ही विभिन्न कंपनियों को यहां मिर्च की उत्पादकता व उपलब्धता बताते हुए फूूड प्रोसेसिंग ईकाईयां स्थापित करने के लिए भी आमंत्रित किया जाएगा।


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