आयुर्वेदिक दवाईयों की डीलरशीप के नाम पर लाखों की ठगी करने वाला क्राईम ब्रांच की पकड़ में
पूजा गिरी
इंदौर।आयुर्वेदिक दवाईयों की डीलरशीप उपलब्ध कराने के नाम पर लाखों रूपये की ठगी करने वाला आरोपी क्राईम ब्रांच की कार्यवाही में पकड़ाया।आरोपी ने कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर, आरोग्यांजलि आयुर्वेदिक प्राईवेट लिमिटेड को आरोग्य ऋषि नामक संस्था बनाकर करठगी करता था।कई लोगों को मोटी रकम का चूना लगाया।3 कंप्यूटर सिस्टम, 10 मोबाईल व अन्य उपकरणों सहित दस्तावेज बरामद हुुए। दर्जन भर से अधिक लोगों के साथ ठगी की वारदातें आई सामने, कंपनी के 40 लाख से भी अधिक ठगी के रूपयों का लेन देन का ब्यौरा पाया गया।
पुलिस उपमहानिरीक्षक श्रीमती रूचिवर्धन मिश्र इन्दौर (शहर) व्दारा शहर में ठगी करने वाले आरोपियों के संबंध में आसूचना संकलित कर उन पर विधिसंगत कार्यवाही करने तथा ठगी की वारदातों पर अंकुश पाने हेतु इंदौर पुलिस को निर्देशित किया गया था। उक्त निर्देशों के तारतम्य में पुलिस अधीक्षक (मुख्यालय) इंदौर श्री सूरज वर्मा के निर्देशन में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (क्राईम ब्रांच) श्री राजेश दण्डोतिया द्वारा क्राईम ब्रांच की समस्त टीम प्रभारियों को इस दिशा में प्रभावी कार्यवाही करने हेतु समुचित निर्देश दिये गये थे।घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि आवेदक आयुष श्रीवास्तव पिता हेमराज श्रीवास्तव निवासी 5/18 विपुल खण्ड, 05 गोमतीगनर लखनऊ द्वारा एक लिखित षिकायती आवेदन पत्र के माध्यम से क्राईम ब्रांच इंदौर में षिकायत दर्ज कराई गई थी कि आरोग्यांजलि आयुर्वेदिक प्राईवेट लिमिटेड कंपनी के स्वामी कपिल करदिले द्वारा उसको कंपनी की डीलरशीप उपलब्ध कराने का प्रलोभन दिया गया जिसके एवज में आवेदक आयुष ने कंपनी के स्वामी अनावेदक कपिल को 03 लाख रूपये दिये थे, किंतु ना ही डीलरशीप दी गई और ना कंपनी द्वारा डीलरशीप में बेचने हेतु आयुर्वेद दवाईयों का माल उपलब्ध कराया गया ना ही उसके द्वारा दिये गये 03 लाख रूपये वापस लौटाये गये। उपरोक्त प्रकरण की जांच क्राईम ब्रांच इंदौर द्वारा की गई जिसमें आरोप प्रमाणित पाया गया जांच के दौरान यह ज्ञात हुआ कि आरोग्यांजलि आयुर्वेदिक प्राईवेट लिमिटेड कंपनी के स्वामी कपिल करदिले एवं उसके अन्य साथियों द्वारा बीसीएम हाईट्स में आॅफिस स्थापित कर लोगों को विभिन्न प्रकार के प्रलोभन देकर, डीलरशीप, सेल्स तथा अन्य प्रकार के फायदों का प्रलोभन देकर, कई लोगों से लाखों रूपये ऐंठ लिये गये, बाद में ना तो पैसा लौटाया गया ना ही उन्हें किसी प्रकार का माल उपलब्ध कराया गया। आरोग्यांजलि आयुर्वेदिक प्राईवेट लिमिटेड कंपनी के स्वामी कपिल करदिले द्वारा षणयंत्रपूर्वक धोखाधड़ी करने की नियत से कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर प्रकरण के आवेदक आयुष को भी भरोसे में लेकर उसको डीलर बनाने के नाम पर 03 लाख रूपयों का चूना लगाया गया। आवेदक के साथ अनावेदक कपिल करदिले द्वारा कूटरचित अनुबंध तैयार किया जाकर पैसा प्राप्त कर उसका निजी उपभोग किया गया। जांच के दौरान कपिल करदिले द्वारा इसी प्रकार की माडस आपरेण्डी का उपयोग कर मंयक तिवारी, रोहित मंधान, महेश महतो एवं अन्य के साथ भी धोखाधड़ीपूर्वक ठगी कारित किया जाना ज्ञात हुआ है।
जांच के दौरान तस्दीक करने पर बीसीएम हाईट्स में आरोपी का आॅफिस बंद होना पाया गया जोकि वर्तमान में कंपनी का नाम बदलकर आरोग्य ऋषि नामक फर्जी संस्था अन्यत्र जगह से संचालित कर लोगों को झांसे में फंसाने का कार्य कर रहा था। उपरोक्त घटना के संदर्भ में आरोपी के विरूद्ध थाना अपराध शाखा में अपराध क्रमांक 02/20 धारा 406, 420, 467, 468, 471 भादवि के तहत प्रकरण पंजीबद्ध किया जाकर विवेचना में लिया गया है तथा प्रकरण के आरोपी कपिल करदिले पिता दत्तात्रेय करदिले उम्र 41 वर्ष निवासी 158, एलआईजी काॅलोनी को गिरफ्तार किया गया।
आरोपी कपिल से की गई प्रारंभिक पूछताछ में उसने अपना जुर्म स्वीकार किया है तथा बताया कि वर्ष 2016 में उसने आरोग्यांजलि आयुर्वेदिक प्राईवेट लिमिटेड खोली थी जोकि पंजीकृत संस्था थी तथा बीसीएम हाईट्स बिल्डिंग में इसका संचालनालय था लेकिन वर्ष 2019 तक ठगी की कई वारदातें करने के बाद उसने आरोग्यांजलि आयुर्वेदिक प्राईवेट लिमिटेड को बदलकर, आरोग्य ऋषि नामक संस्था बना लिया था जोकि अवैध थी जिसके कोई वैधानिक दस्तावेज उपलब्ध नहीं थे तथा इसका संचालनालय सांई संपदा बिल्डिंग विजयनगर में स्थापित किया था। इस प्रकार अवैध संस्था के नाम पर लोगों को डीलरशीप देने का प्रलोभन देकर वह देश कि विभिन्न शहरों के लोगों से मोटी रकम ऐंठ रहा था। अभी तक महेश महतो निवासी गाजियाबाद से 2 लाख 35 हजार, विशाल गलाटे औरंगाबाद से 01 लाख, आयुष श्रीवास्तव लखनउ से 3 लाख, रोहित मदान निवासी करनाल से 02 लाख, मयंक तिवारी लखनउ से 01 लाख, सतीष निवासी गुजरात से 2 लाख 50 हजार, राजीव निवासी मुरादाबाद से 01 लाख 25 हजार, लक्ष्मीकांत निवासी प्रयागराज से 01 लाख, अन्नू निवासी बाम्बे से 01 लाख 83 हजार, अजय भान निवासी दिल्ली से 01 लाख, आनंद निवासी रांची, 02 लाख, अमन निवासी दिल्ली से 80 हजार, प्रदीप चंदेल निवासी चंडीगढ से 85 हजार, विजय निवासी राजस्थान से 80 हजार रमेष गिररी व धर्मेन्द्र निवासी उदयपुर से 80-80 हजार रूपये की ठगी कारित किया जाना ज्ञात हुआ है।
आरोपी की आरोग्य ऋषि नामक संस्था के संचालनालय सांई संपदा बिल्डिंग विजयनगर के कार्यालय में दविश देने पर वहां से 03 कंप्यूटर, 10 मोबाईल व अन्य दस्तावेज बरामद हुयें हैं। आरोपी स्नातक पास है तथा पूर्व में एचडीएफसी बैंक में नौकरी करता था।