यातायात में बाधक अस्थाई अतिक्रमण हटाए फुटपाथ और सड़क पर अतिक्रमण कर व्यापार करने वालों के 20 ठेले जब्त किए,विरोध में प्रदर्शन
वन्दना लिखार
इंदौर. नगर निगम की रिमूव्हल टीम ने बुधवार को पाटनीपुरा क्षेत्र में फुटपाथ पर ठेला लगाने और दुकान के बाहर सड़क पर सामान रखने वालों पर कार्रवाई की। निगम ने की कार्रवाई का यहां व्यापार करने वालों ने जमकर विरोध किया। प्रदर्शन कर रहे व्यापारी सड़क पर लेट गए और फुटपाथ पर व्यापार करने देने की मांग की। ऐसा नहीं होने पर वैकल्पिक जगह देने की गुहार लगाते रहे। गुस्साई महिला व्यापारियों ने तो कहा कि यदि हमें यहां व्यापार करने से रोक दिया गया तो हमें बच्चों को जहर देना पड़ेगा। जब पढ़े-लिखे को नौकरी नहीं मिल रही है तो हमें कौन काम देगा।
अपर आयुक्त एसके चेतन्य के नेतृत्व में निगम टीम द्वारा मुख्य मार्ग में रोड पर यातायात में बाधक अस्थाई अतिक्रमणों को हटाने की कार्रवाई कर रहा है। के निर्देश दिये गये। पाटनीपुरा से भमोरी तक रोड पर ही दुकान लगाकर सब्जी व अन्य सामानों का विक्रय किया जाता है तथा दुकानदारों द्वारा रोड पर ही ठेले व शेड बनाकर अस्थाई अतिक्रमण कर रखा है जिसके कारण उक्त रोड पर यातायात व आवागमन में काफी कठिनाईया होती है तथा दुर्घटना होने की भी संभावना बनी रहती है। निगम द्वारा पाटनीपुरा चैराहा से भमोरी तक आज सब्जी व अन्य व्यवसायीयों के अस्थाई अतिक्रमण, ठेले तथा शेड हटाने की कार्यवाही की गई यहा से लगभग 100 से अधिक ठेले हटाए तथा 20 ठेले जब्तकरने व शेड हटाए।
वैकल्पिक जगह देने की मांग
सब्जी व्यापारी मुकेश साहू का कहना था कि हम यहां लंबे समय से व्यापार कर रहे थे। इसके लिए हमने एक लाइन खींच रखी थी। उसके हिसाब से ही अपना सामान रख रहे थे। इसके बाद निगम द्वारा एक सफेद लाइन खींची गई थी। हम इस लाइन के भीतर ही व्यापार कर रहे थे। इसके बाद नगर निगम ने बिना सूचना के कार्रवाई की। हमारी नगर निगम से मांग है कि हमें फुटपाथ पर व्यापार करने दिया जाए। यदि हम उनके द्वारा खींची गई लाइन का उल्लंघन करते हैं तो निगम कार्रवाई के लिए स्वतंत्र हैं। यहां करीब डेढ़ सौ ढेले लगते हैं। हम लोग ज्यादा पढ़े-लिखे नहीं हैं। हमें यहां से हटा रहे हैं तो हमें कहीं वैकल्पिक व्यवस्था की जाए। प्रदर्शन खत्म करने पहुंची पुलिस ने उच्च अधिकारियोंसे बात कर हल निकालने का आश्वासन दिया है।
ठेले हटा लिए तो भूखे मर जाएंगे
महिला व्यापारी रेखा ने कहा कि हमें व्यापार करते-करते हमारा बचपन गुजर गया। जब पढ़े-लिखो को नौकरी नहीं मिल रही है तो हम जैसे अनपढ़ों को कौन नौकरी देगा। हमारे ठेले हटा दिए हैं। अब क्या हम अपने बच्चों को जहर दे दें। हम इसी से अपने बच्चों के पढ़ा-लिखा रहे हैं। एक ठेले से हमारा परिवार चलता है, यदि इसे ही हटा दिया तो हम तो भूखे मर जाएंगे। हम अपने ठेलों साइड में भी लगाया, इसके बाद भी निगम ने कार्रवाई की। हमारी बहुत सब्जी बर्बाद हो गई।