मुख्यमंत्री कमल नाथ द्वारा अमरकंटक नर्मदा महोत्सव का शुभारंभ

पूजा जयेश


भोपाल।मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कहा है कि दिल जोड़ने की संस्कृति को समृद्ध बनाने के साथ ही नई सोच और व्यवस्था में परिवर्तन करके हम मध्यप्रदेश को एक नई पहचान देंगे। आने वाले समय में हमारे प्रदेश की तुलना पिछड़े नहीं देश के अग्रणी राज्यों के साथ होगी। श्री नाथ आज अमरकंटक में अमरकंटक नर्मदा महोत्सव 2020 का शुभारंभ कर रहे थे। इस मौके पर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह , आदिम जाति कल्याण मंत्री श्री ओंकार सिंह मरकाम, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री कमलेश्वर  पटेल उपस्थित थे।
विभिन्न संस्कृतियों का समावेश है मध्यप्रदेश में
 मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के हृदय प्रदेश मध्यप्रदेश में विभिन्न संस्कृतियों का समावेश है। मालवा निमाड़, महाकौशल विंध्य क्षेत्र की अलग-अलग संस्कृतियों में आपसी सद्भाव, भाईचारा और प्रेम की भावना मजबूत है। यही विशेषता हमारे देश की है। भारतीय संस्कृति एक ऐसी संस्कृति है जो सबको समेट कर एक झण्डे के नीचे लाकर खड़ा करती है यही भारत की महानता है जिसे पूरा विश्व आश्चर्य की नजर से देखता है। हमें इसी दिल जोड़ने वाली संस्कृति को और अधिक मजबूत बनाना है इसे कमजोर करने वाली ताकतों को नाकामयाब करना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अमरकंटक में पहली बार हो रहे नर्मदा महोत्सव को आगे भी निरंतर रखा जाएगा। इसे एक आदर्श पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा। जिससे इस पूरे क्षेत्र के जनजीवन में बदलाव आए और इसके जरिए लोगों को रोजगार मिले।
साढ़े दस माह में काम करने की नियत और नीति का परिचय दिया
 मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने कहा की 13 महीने पुरानी सरकार ने अपने मात्र साढ़े दस माह के कार्यकाल में अपनी नीति और नियत से बताया है कि हमारा लक्ष्य प्रदेश का संपूर्ण विकास करना है। हम एक ऐसा प्रदेश बनाना चाहते हैं जहाँ हर वर्ग में खुशहाली हो। एक नई कार्य संस्कृति हो, शासन-प्रशासन की नई सोच हो और सरकार की योजनाओं का लाभ जरुरतमंदों को मिले यही सुनिश्चित करें। इस दिशा में हमने व्यवस्था में बदलाव लाने के लिए बुनियादी फैसले किए हैं। 
पंद्रह साल में जितने उद्योग लगे नहीं उससे ज्यादा बंद हो गए
 मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने कहा कि आज हमारे सामने सबसे बड़ी चुनौती है कि प्रदेश में निवेश आए निवेश के लिए भरोसे का वातावरण बने। पिछले पंद्रह सालों में इसके अभाव में जितने उद्योग लगे नहीं उससे अधिक बंद हो गए। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले एक वर्ष में प्रदेश में निवेश का एक नया वातावरण बना है। निवेश आने से हमारी आर्थिक गतिविधियाँ बढ़ेगीं। इससे हम अपने नौजवानों को रोजगार उपलब्ध कराने के साथ उन्हें व्यवसाय का मौका दे सकेंगे। आज के युवाओें की सोच के अनुरुप उन्हें आगे बढ़ने के अवसर देने का प्रयास किया जा रहा है। 
कर्जमाफी के साथ कृषि क्षेत्र में बदलाव की शुरुआत
 मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने कहा कि कृषि क्षेत्र को उन्नत खुशहाल बनाने के प्रयास हमने शुरु किए हैं। मुख्यमंत्री जय किसान फसल ऋण माफी योजना में 21 लाख किसानों की कर्ज माफी से हमने इसकी शुरुआत की है। हम उस परंपरा को बदल देंगे जिसमें किसान का जन्म कर्ज में होता है और कर्ज के बोझ तले उसकी मृत्यु हो जाती है।  मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि ऋण माफी योजना का द्वितीय चरण शुरु हो गया है। प्रदेश के सभी पात्र किसानों का 2 लाख रुपये तक ऋण माफ हो इसके लिए सरकार वचनबद्ध है।
निराश नहीं होने दूँगा
 मुख्यमंत्री ने अमरकंटक सहित क्षेत्रीय विकास को लेकर विधायक श्री फुंदेलाल मार्को द्वारा रखी गई 300 करोड़ की मांग का उल्लेख करते हुए कहा कि इस क्षेत्र के विकास के लिए कोई कसर बाकी नहीं रखी जाएगी उन्होंने कहा कि बस में इतना ही कहूँगा कि यहाँ की जनता को निराश नहीं होने दूँगा। 
 मध्यप्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष  श्री नर्मदा प्रसाद प्रजापति ने कहा कि अमरकंटक नर्मदा महोत्सव की शुरुआत करके मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने सनातन धर्म के परंपरा का सम्मान किया है। उन्होंने आग्रह किया की यहाँ पर वन्य प्राणियों के संरक्षण के साथ ही यहाँ के निवासियों को सुरक्षित रखने के लिए एक जू की स्थापना की जाए।
 खनिज साधन एवं जिले के प्रभारी मंत्री श्री प्रदीप जायसवाल ने पिछले एक साल में अनूपपुर में हुए विकास कार्यों की जानकारी देते हुए बताया कि यहाँ की आदिवासी संस्कृति  और परंपरा को संरक्षित करने के साथ ही युवाओं रोजगार देने के लिए उन्हें सक्षम बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं।  श्री जायसवाल ने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया कि उनकी पहल पर पहलीबार हो रहे अमरकटंक नर्मदा महोत्सव के आयोजन के लिए 1 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। 
मुख्यमंत्री द्वारा कन्याओं का पैर पूजन
 नर्मदा महोत्सव में मुख्यमंत्री ने पाँच कन्याओं का पैर पूजन किया और बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओं योजना में जिले की 100 बेटियों की पंद्रह सौ रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान की। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर संतों का शाल और श्रीफल प्रदान कर सम्मान किया। मुख्यमंत्री को आदिवासी परंपरानुसार बैगा पगड़ी, गुदुम जाकेट और वीरनमाला पहनाकर स्वागत किया गया। उन्हें बीजापुरी काष्ठ शिल्प में निर्मित माँ नर्मदा मैया की मूर्ति एवं गौंड चित्र-कृतियाँ स्मृति चिन्ह के रूप में भेंट की। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर जनजातिय समूह द्वारा उत्पादित कोदो अनाज चावल, अमरकंटक उद्गम जल और संजीवनी गुलकाबिली अर्क का लोकार्पण किया।


Popular posts from this blog

मूक बधिरों का राज्य स्तरीय विधिक अधिकारों पर संगोष्ठी

महिला जूनियर डॉक्टर के साथ... विडियो सामने आया,न्याय की उम्मीद

कमलाराजा अस्पताल में पीडियाट्रिक आईसीयू शुरू ,गंभीर रूप से बीमार बच्चों को मिलेगी अत्याधुनिक इलाज की सुविधा