हिंदी नाटक "चांद के पार चलों" का मंचन शनिवार को

कुमार यश 


 इंदौर। शहर के मध्य स्थित 100 साल पुराने स्कूल महाराजा शिवाजी राव के पूर्व छात्रों द्वारा  शनिवार 1 फरवरी 2020 को सुबह 11.30 बजे हिन्दी नाटक "चाँद के पार चलों"  का मंचन महाराजा स्कूल के ही 100 साल पुराने हॉल में प्राचार्य एवं वरिष्ठ शिक्षकों के मार्गदर्शन में किया जा रहा है। नाटक में मुख्य भूमिका में स्कूल के ही 20-25 वर्ष पुराने छात्र होंगे। एक घन्टे की अवधि वाले इस कॉमेडी नाटक की कहानी 35-40 की उम्र पार चुके युवाओं की है, जो रोज़-रोज़ की संघर्ष और तनावयुक्त तमाम जिम्मेदारियों से भरी ज़िन्दगी से मुक्ति, उससे कुछ दिन की छुट्टी पाकर स्वच्छंद तरीके से ऐश और आज़ादी की ज़िंदगी जीने के लिये चाँद पर जाना चाहते है, जहां पहुंचाने में इनकी मदद करते है भोलेभाले भगवान भोलेनाथ। चाँद पर पहुंचने के बाद धर्म, विज्ञान, राष्ट्रप्रेम, राजनीति सहित खुद के ग़म और दुनिया के अहम पर हास्यास्पद चर्चा एवं बहस चलती है। अंततः चाँद पर चाँद के अचानक प्रवेश के बाद यह कहानी जिम्मेदार नागरिक-इंसान बनने के साथ ही मानवता, इंसानियत, पृथ्वी,प्रकृति को बचाने के संदेश के अलावा सौरमंडल के तमाम ग्रहों पर हो रहे अत्यधिक प्रयोगों और विकास के नाम पर विनाश का विरोध कर प्रकृति को उसके मूल स्वरूप में रखें जाने का समर्थन करती है। नाटक में सौरमंडल के तमाम ग्रहों पर हो रहे शोध, प्रयोग, मानवों की दुनिया बसाने के दावों का चांद के दृष्टिकोण से अलग ही नज़रिया(दर्द) प्रस्तुत किया गया है। उम्मीद है आपको पसंद आएगा। नाटक का लेखन एवं निर्देशन अजय सरोज़ यादव ने किया है। नाटक में सोम, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, सनी, भोलेनाथ, चाँद एवं बार बॉय की भूमिका में क्रमशः आकाश कुशवाह, प्रवीण केलोनिया, केतन शर्मा, नीरज तिवारी, सूरज सुनहरे, अमित यादव, जीवन कनेरिया, अंकिता केशव एवं अंकित केलोनिया होंगे। संगीत आकाश वर्मा एवं लाइट मुकेश लिखार।                            


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